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Jhansi news in hindi : इस मैदान में मजदूरों से लेकर संपन्न परिवारों तक के बच्चे एक साथ हॉकी सीखते हैं. इस कोचिंग के संचालक इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी सुबोध खांडेकर हैं. हर सप्ताह अलग खिलाड़ी ट्रेनिंग देते हैं.

बच्चों को हॉकी सिखाते सुबोध खांडेकर
Free hockey coaching/झांसी. यूपी के झांसी को मेजर ध्यानचंद की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है. हॉकी के जादूगर ने अपना पूरा जीवन यहीं बिताया. उन्होंने यहीं हॉकी के गुर सिखे. मेजर ध्यानचंद की इस परंपरा और विरासत को जीवंत रखने का काम आज भी किया जा रहा है. झांसी के पुराने धुरंधर खिलाड़ी नई पौध तैयार कर रहे हैं. ऐतिहासिक लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के मैदान में नए खिलाड़ियों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है. यहां सभी बच्चों को हॉकी की बारीकियां सिखाई जाती हैं. लक्ष्मी व्यायाम मंदिर में यह परंपरा कई दशकों से चल रही हैं. यहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त में हॉकी के गुर सिखाए जाते हैं. इस मैदान में मजदूर वर्ग से लेकर संपन्न परिवारों के बच्चे एक साथ हॉकी सीखते हैं.
15 साल के विक्की कुशवाहा बताते हैं कि उनके पिता मजदूर हैं. वह यहां 3 साल से हॉकी सीख रहे हैं. वे कई प्रतियोगताओं में हिस्सा ले चुके हैं. 13 साल के विवेक कहते हैं कि हॉकी खेलने की इच्छा थी. लेकिन, पिता मजदूरी करते हैं इसलिए पैसे की तंगी थी. फिर उन्हें लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के बारे में पता चला. यहां उन्हें मुफ्त में ट्रेनिंग मिलती है. वह ओलंपिक्स में भारत की तरफ से खेलना चाहते हैं.
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राष्ट्रीय स्तर पर कई खिलाड़ी
लक्ष्मी व्यायाम मंदिर में हर सप्ताह अलग-अलग खिलाड़ी बच्चों को ट्रेनिंग देने आते हैं. इस कोचिंग के संचालक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी सुबोध खांडेकर बताते हैं कि यह कोचिंग कई सालों से संचालित की जा रही है. यहां बच्चों को मुफ्त में हॉकी की ट्रेनिंग दी जाती है. यहां हॉकी सीखकर कई खिलाड़ी भारत के सीनियर और सब जूनियर टीम का हिस्सा बन चुके हैं. कई खिलाड़ियों को हॉस्टल में भी प्रवेश मिल चुका है. यहां फीस लेने की प्रथा कभी नहीं रही. सिर्फ 50 रुपये आई कार्ड बनाने के लिए जाते हैं.
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