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Dudhwa tiger reserve : लखीमपुर के किशनपुर सेंचुरी की बेलडंडा बाघिन इस समय शारीरिक रूप से अस्वस्थ है. तलाशी अभियान के 10वें दिन जब वो एक वाटरहोल में बैठी दिखी तो प्रशासन ने राहत की सांस ली.

बाघिन
हाइलाइट्स
- बाघिन बेलडंडा घायल अवस्था में देखी गई.
- बेलडंडा को 10 दिन बाद वाटरहोल में देखा गया.
- दुधवा प्रशासन ने राहत की सांस ली.
लखीमपुर खीरी. दुधवा क्वीन इन दिनों जख्मी है. जख्मी होकर भी वन्य कर्मियों को छका रही है. बीतों दिनों दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर रेंज में एक बाघिन अस्वस्थ अवस्था में कैमरों में कैद हुई, जिसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बेलडंडा नामक इस बाघिन के पैर और आंख के पास जख्म के निशान देखे गए. इसके बाद दुधवा नेशनल पार्क के डीडी डॉ. रंगाराजू टी की अगवाई में किशनपुर रेंजर सहित डॉक्टर की टीम गठित की गई और घायल बाघिन को ट्रैंकुलाइज करने के लिए प्रक्रिया शुरू हुई. तलाशी अभियान के दौरान 10वें दिन घायल बाघिन एक वाटरहोल में बैठी दिखाई दी. बाघिन दिखने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने राहत की सांस ली है.
आपसी संघर्ष बना मुसीबत
दुधवा की रानी बेलडंडा बाघिन तीन माह पहले आपसी संघर्ष में घायल हो गई थी. इसके बाद दुधवा प्रशासन ने इलाज के लिए उसकी तलाश शुरू की. बीते 10 दिनों से दुधवा की प्रशिक्षित राजकीय हथिनी पवनकली और सुलोचना के साथ वन कर्मियों और पशु चिकित्सकों की टीम उसे तलाश रही थी. बाघिन की लोकेशन पता लगाने के लिए 30 कैमरे भी लगाए गए, लेकिन उसकी तस्वीर किसी कैमरे में कैद नहीं हुई. इस बीच 10वें दिन वन कर्मियों की टीम को किशनपुर अभयारण्य के एक वाटरहोल में बाघिन बैठी दिखाई दी. उसका वीडियो बनाया गया और फोटो भी खींचे. माना जा रहा है कि गर्मी से निजात पाने के लिए बाघिन पानी में बैठ गई.
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2019 में पहली बार खींचा ध्यान
बाघिन बेलडांडा ने 1999 से 2006 के बीच 11 शावकों को जन्म दिया और एक समय में इसे भारत की सबसे अधिक फोटो खींची जाने वाली बाघिन के रूप में सम्मानित किया गया था. उसने पहली बार 2019 में दुनिया का ध्यान खींचा, जब उसकी तस्वीर पांच शावकों के साथ खींची गई.
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