[ad_1]
Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:
PM Narendra Modi sangam snan: महाकुंभ मेला चल रहा है. देश-विदेश के लोग संगम स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संगम स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे.
संगम पर स्नान करती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रयागराज: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता का संदेश दिया. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया. डुबकी लगाने से पहले मोदी ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान वह रुद्राक्ष की माला का जप करते भी नजर आए. गंगा, यमुना और सरस्वती की अराधना करते हुए उन्होंने पावन डुबकी लगाई. डुबकी लगाने के बाद उन्होंने गंगा पूजन और आरती भी की. इससे पूर्व प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया.
विधिवत किया पूजन अर्चन
त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा अर्चना की. संगम में उतरने से पहले पीएम ने जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर सूर्य को अर्घ्य दिया और तर्पण भी किया. संगम स्नान के बाद उन्होंने पूजन अर्चन किया. काले कुर्ते और भगवा पटके के साथ हिमांचली टोपी पहने पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी में अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की. इसके बाद उन्होंने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी. वहा मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उनका टीका लगाकर अभिनंदन किया. पूजन अर्चन के बाद पीएम मोदी, मुख्यमंत्री के साथ उसी बोट पर बैठकर वापस हैलीपैड की ओर रवाना हो गए.
विशेष योग में किया स्नान
महाकुम्भ में जहां दुनिया भर के श्रद्धालुओं का समागम हो रहा है वहां प्रधानमंत्री ने पावन डुबकी के जरिए पूरी दुनिया को एक भारत श्रेष्ठ भारत और वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया. बुधवार को पीएम मोदी का संगम स्नान बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा. इस दौरान विशिष्ट योग का भी संयोग रहा. लोकल 18 से बात करते हुए दारागंज नरसिंह में मंदिर के आचार्य ने बताया कि आज देश के प्रधानमंत्री का स्नान विशेष मुहूर्त में हुआ क्योंकि बुधवार का दिन विशेष था. हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है और बुधवार को भीष्माष्टमी भी थी. गुप्त नवरात्रि पर जहां देवी पूजन किया जाता है तो वहीं भीष्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने पुरखों का तर्पण और श्राद्ध भी करते हैं.
प्रधानमंत्री को प्राप्त होगा विशेष फल
उन्होंने बताया कि इस शुभ मुहूर्त में स्नान करने के बाद देश के प्रधानमंत्री को एक करोड़ परिक्रमा और लाखों अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होगा. आचार्य अंबुज द्विवेदी ने बताया कि यह शुभ मुहूर्त सभी श्रद्धालुओं के लिए काफी फलदायी है.
Allahabad,Uttar Pradesh
February 05, 2025, 23:03 IST
[ad_2]
Source link