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Murder Mubarak Movie Review: ओटीटी पर मिस्ट्री, क्राइम और थ्रिलर ड्रामा हमेशा से ही दर्शकों को खूब पसंद आता रहा है. लेकिन निर्देशक होमी अदजानिया नेटफ्लिक्स पर अपनी नई फिल्म ‘मर्डर मुबारक’ में आपको ये सब एक-साथ परोसने की कोशिश की है. मर्डर मिस्ट्री देखने में मजा आता है, जब आपको सस्पेंस अपनी सीट से हिलने न दे और दिमाग बार-बार यही कहे कि ‘सस्पेंस बहुत हुआ, ये बताओ मर्डर किसने किया है…’ इस फिल्म में आपको ये दोनों ही फीलिंग आने वाली हैं. ‘मर्डर मुबारक’ होमी अदजानिया की ऐसी ही एक फिल्म है, जिसमें पंकज त्रिपाठी ने पुलिस अफसर एसीपी भवानी सिंह की भूमिका अदा की है. नेटफ्लिक्स पर ये फिल्म रिलीज हो चुकी है.
‘मर्डर मुबारक’ की कहानी शुरू होती है, ‘द रॉयल दिल्ली क्लब’ से. यहां दिवाली पार्टी में एक बच्ची की रोने की आवाज आती है, जो सभी को चौंका देती है. इस पार्टी में हर तरह के लोग होते हैं, फिल्मी सितारों से लेकर बड़े उद्योगपति और राजा-महाराजा तक. ये फिल्म अमीरों की बाहरी दुनिया की चकाचौंध और उनके अंदर भीतर छिपे राज की कहानी दर्शकों के सामने रखते हुए आगे बढ़ती है. पहले तो किसी को यह वारदात कुछ अटपटी नहीं लगती, लेकिन फिर फिल्म में होता है एक और मर्डर. फिल्म में लियो मैथ्यू (आशिम गुलाटी) की जिम में एक्सरसाइज के दौरान अचानक मौत हो जाती है. क्लब के प्रेसिडेंट इसे एक हादसा मानकर इग्नोर करना चाहते हैं, लेकिन एसीपी भवानी सिंह (पंकज त्रिपाठी) ये साबित करते हैं कि यह कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि एक सोची-समझी चाल है.
पंकज जब इनवेस्टिगेशन करते हैं, तो ये कहानी मिस्ट्री और सस्पेंस के साथ ह्यूमर का अंदाज देते हुए आगे बढ़ती है. शुरुआत में ही फिल्म में कुछ बोल्ड सीन हैं, जो आपको थोड़ा अनकंफर्टेबल कर सकते हैं. अब ओटीटी है तो आपको ये तो एक्स्ट्रा-डोज देखने को मिलेगी ही. लियो मैथ्यू जॉली सा दिखने वाला एक चालबाज इंसान होता है, जिसके पास क्लब में आने वाले सभी लोगों के राज हैं. यही वो बात है जो क्लब के कई मैंबर्स को इस मर्डर के सस्पेक्ट बना देती है, क्योंकि हर किसी के पास अपनी-अपनी वजह है ये हत्या करने की.
ऐसे में एसीपी भवानी सिंह के सामने जो भी आता है, उसपर उनका शक करना शुरू कर देते हैं. फिल्म में पंकज की इनवेस्टिगेशन मजेदार है. हालांकि पंकज कई जगह खुद को रिपीट करते हैं. दरअसल पंकज का ये अंदाज हमने इतनी बार देखा है कि उनका इस बार का ह्यूमर थोड़ा खुद को ही रिपीट सा करता लगता है. फिल्म में लंबी-चौड़ी स्टारकास्ट है और हर किसी के हिस्से में ढाई घंटे की इस फिल्म में ठीक-ठाक सा ही समय आया है. एक और अहम बात. अगर आप भी पोस्टर पर करिश्मा कपूर को देखकर ये फिल्म देखने आए हैं तो थोड़ी निराशा हो सकती है. करिश्मा थोड़े समय के लिए हैं, पर इस फिल्म में भी वह हीरोइन ही बनी हैं. फिल्म का सस्पेंस और थ्रिल मजेदार है, जो आपको अपनी सीट से बांधे रखेगा. जैसे-जैसे सीन बढ़ते जाएंगे सस्पेंस और क्लाइमैक्स तक जाने की इच्छा बढ़ती जाती है.
एक्टिंग की बात करें, तो इस फिल्म में विजय वर्मा हमेशा की तरह बढ़िया लगे हैं. विजय की खासियत है कि वो जब बुरे आदमी बनते हैं तो आपको यकीन हो जाता है कि वो सच में बुरे हैं. जबकि वहीं जब भी वो एक अच्छे इंसान का किरदार करते हैं, वो भी सच लगता है. विजय ने इस फिल्म में भी बेहतरीन काम किया है. विजय के अलावा सारा अली खान, टिस्का चोपड़ा, संजय कपूर और डिंपल कपाड़िया के किरदार को देखने में मजा आता है. सारा अभी तक एक्टिंग में बहुत कुछ प्रूव नहीं कर पाई हैं, लेकिन इस फिल्म में वह पहले से बेहतर रही हैं. करिश्मा को थोड़े समय के लिए ही सही, पर देखकर अच्छा लगता है.
होमी अदजानिया इस फिल्म के डायरेक्टर हैं और उन्होंने इसे बड़े अच्छे तरीके से बनाया है. इस फिल्म की कहानी गजल धालीवाल और सुप्रोतिम सेनगुप्ता ने लिखी है और इस पार्ट में उनका काम बढ़िया है. ‘मर्डर मुबारक’ एक अच्छी फिल्म है, जो अपने नाम के हिसाब से आपको मनोरंजन, सस्पेंस और मजा तीनों चीज देगी.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Movie review
FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 13:12 IST
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