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Mushroom Farming Tips : मशरूम की खेती किसानों की किस्मत बदल रही है. इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है लेकिन खेती सिर्फ सर्दियों में होती है. अगर इसे गर्मियों में भी उगाने के संसाधन जुटा लिए जाएं तो किसान मालामाल हो सकते हैं. इस दिशा में मदद के लिए सरकार आगे आई है.
शाहजहांपुर. उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए पारंपरिक फसलों के अलावा मशरूम की खेती आय का एक आकर्षक स्रोत बनकर उभर रही है. उद्यान विभाग किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और इसके लिए अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है. सरकार वातानुकूलित (एयर-कंडीशन्ड) यूनिट्स लगाने में किसानों की मदद कर रही है, जिससे वे पूरे वर्ष मशरूम की खेती कर सकें और अच्छा मुनाफा कमा सकें. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. विभाग की योजना है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से जोड़ा जाए ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें.
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक बताते हैं कि हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को केवल पारंपरिक खेती पर निर्भर न रहकर, अधिक लाभ देने वाली नकदी फसलों की ओर मोड़ना है. इसके लिए मशरूम की खेती एक अच्छा विकल्प है. उद्यान विभाग मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को न केवल तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी सहायता कर रहा है. किसानों को वातानुकूलित यूनिट लगाने पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. इस यूनिट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान साल के किसी भी मौसम में तापमान को नियंत्रित करके, गुणवत्तापूर्ण मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इससे उनकी फसल की विफलता का खतरा कम होता है और बाजार में पूरे साल एक स्थिर आपूर्ति बनी रहती है, जिससे किसान लगातार और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कैसे लें योजना का लाभ
जो किसान वातानुकूलित मशरूम की यूनिट लगाना चाहते हैं, वह उद्यान विभाग में आकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस यूनिट में तीन कंपोनेंट में प्रोडक्शन, स्पान और कंपोस्ट लिए 80 लाख की यूनिट लागत आती है. इस पर सरकार की ओर से किसानों को 40% अनुदान दिया जा रहा है. यूनिट लगाने के लिए किसान डीपीआर बनाकर, आधार कार्ड, जमीन के कागजात और बैंक पासबुक की आवश्यकता होगी. उद्यान विभाग पूरी फाइल कंप्लीट कर प्रदेश मुख्यालय लखनऊ भेज देगा. यहां से स्वीकृति मिलते ही किसानों के खाते में अनुदान की राशि भेज दी जाएगी.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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