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Nag Panchami 2025: ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिव योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही रवि योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है. इस शुभ अवसर पर भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी …और पढ़ें
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिव योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही रवि योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है. इस शुभ अवसर पर भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे. इस दौरान शिव परिवार संग नाग देवता की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी. साथ ही नाग देवता का आशीर्वाद मिलेगा. नाग पंचमी पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है.
इस दिन सर्वप्रथम बव करण का संयोग बनेगा. इसके बाद बालव करण का निर्माण होगा. वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बन रहा है. इन योग में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से जातक को उत्तम फल की प्राप्ति होगी.
पूजा करने की सही विधि
लोकल 18 से बातचीत के दौरान पंडित अजय तैलंग ने नाग पंचमी का महत्व और नाग पंचमी के दिन किस तरह से पूजा की जानी चाहिए उसकी विधि को बताया. उन्होंने बताया कि नाग देवता को कुल देवता के रूप में विभिन्न घरों में पूजा जाता है. नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा नाग देवता की की जाती है. नाग पंचमी के दिन दीवाल पर गोबर या गेरू के साथ-साथ हल्दी से नाग देवता तैयार कर ले.
जिन व्यक्तियों को कालसर्प दोष लगता
गंगा जमुना आदमी प्रातः काल स्नान करने के बाद पूजा की समस्त सामग्री को लेकर नाग देवता की आराधना करें. जिन व्यक्तियों को कालसर्प दोष लगता है. वह व्यक्ति साल में एक बार नाग देवता की पूजा करते हैं. नाग देवता की पूजा साल में नाग पंचमी के दिन ही की जाती है. जिन व्यक्तियों को नाग दोष लगता है उन व्यक्तियों को अवश्य ही नाग पंचमी के दिन पूजा करनी चाहिए. इस दिन पूजा करने से उनका नाग दोष खत्म हो जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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