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खुबानी एक ऐसा फल है जो फल से बजाय ड्राई फ्रूट के तौर पर ज्यादा खाया जाता है. कई देशों में इसे स्नैक्स के रूप में भी खाते हैं. पीला-लाल दिखने वाला यह गुठलीदार फल आड़ू और आलूबुखारा जैसा दिखता है. कई लोग इसे विदेशी फल समझते हैं लेकिन यह भारत में भी उगती है. खुबानी को कुछ जगह जरदालु भी कहा जाता है. यह खाने में जितनी टेस्टी होती है, उतनी ही गुणकारी भी है. इसे खाने से सेहत तंदुरुस्त रहती है. 9 जनवरी को National Apricot Day मनाया जाता है. इस दिन पर जानते हैं खुबानी की कहानी.
आर्मेनिया में हुआ खुबानी का जन्म?
खुबानी का नाता आर्मेनिया नाम के देश से है जो यूरोप का हिस्सा समझा जाता है. प्राचीन काल से यहां खुबानी की खेती की जा रही है. आर्मेनिया से ही यह चीन और जापान तक पहुंची. खुबानी आर्मेनिया का राष्ट्रीय फल है जो अधिकतर अरारट के मैदान में उगता है. यह फल शुष्क मौसम में अच्छे से उगता है. खुबानी की गिरी को apricot kernel कहते हैं. इस बादाम जैसी गिरी से दूध निकाला जाता है जो प्लांट बेस्ड मिल्क कहलाता है. इस गिरी को मिठाई, केक समेत कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है
खुबानी को समझा जाता था बैड लक
वियतनाम युद्ध (1954-1975) के बाद से यूएस मरीन यानी अमेरिका की नौसेना में खुबानी को अपशगुन से जोड़ा गया. वहां यह धारणा थी कि यह फल बैड लक लेकर आता है. इसे टैंक के आसपास खाना बहुत खराब समझा जाता था. इस अंधविश्वास के चलते अमेरिका के लोगों ने इसे खाना ही छोड़ दिया था. लेकिन धीरे-धीरे इस सोच में बदलाव हुआ और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मून मिशन के लिए Apollo 15 और Apollo 17 में अपने साथ खाने के लिए सूखी खुबानी लेकर गए.
खाड़ी देशों में रमजान के महीने में खुबानी के जूस को खासतौर पर इफ्तार के समय पिया जाता है (Image-Canva)
सिल्क रूट से भारत पहुंची
खुबानी रोज फैमिली में आती है. इस फैमिली सेब, स्ट्रॉबेरी, चेरी जैसी 4 हजार से ज्यादा प्रजातियां आती हैं. भारत में खुबानी लगभग 5 हजार साल से खाई जा रही हैं. इतिहासकार मानते हैं कि भारत में खुबानी सिल्क रोड से पहुंची लेकिन लद्दाख में खूब खुबानी उगती हैं. इसे फल के तौर पर और सूखी खुबानी को ड्राई फ्रूट के रूप में खाया जाता है.
खाने का सही तरीका
खुबानी को हमेशा रात को भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट खाएं. एक दिन में 4 खुबानी खाना ठीक है. इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है और गुड फैट मिलता है. सूखी खुबानी एक ड्राईफ्रूट है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करती है.
खून की कमी होती दूर
डायटीशियन सतनाम कौर कहती हैं कि खुबानी में फाइबर, शुगर, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन सी और विटामिन ए होता है. जिन लोगों में खून की कमी होती है, उनके लिए खुबानी वरदान है. इसे खाने से एनीमिया की बीमारी ठीक होती है, दिल के रोग भी दूर रहते हैं. जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत है, उन्हें खुबानी खाने से फायदा होता है. इससे वेट भी कंट्रोल रहता है. हड्डी मजबूत होती हैं, आंखों की रोशनी बढ़ती है और त्वचा से दाग-धब्बे भी दूर होते हैं. इसे खाने से झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ती.
चीन में खुबानी को दवा के तौर पर खाया जाता है (Image-Canva)
प्रेग्नेंसी में फायदेमंद
प्रेग्नेंसी के दौरान सूखी खुबानी खाना फायदेमंद होता है. इस दौरान महिला में खून की कमी होने लगती है. ऐसे में खुबानी में मौजूद आयरन इस समस्या को दूर करता है. इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का डेवलपमेंट भी अच्छे से होता है. खुबानी में फोलिक एसिड, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और बाउल मूवमेंट को धीमा होने से रोकता है. प्रेग्नेंसी में रोज 2 से 3 खुबानी खानी चाहिए.
डायबिटीज के मरीज बचकर रहें
जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें खुबानी खाने से बचना चाहिए. दरअसल इसमें पहले ही नेचुरल शुगर होती है जिसे खाने से तुरंत ब्लड शुगर बढ़ सकती हैं. इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा है या ब्लड प्रेशर कम रहता है तो उन्हें भी इससे बचना चाहिए.
आड़ू और खुबानी अलग-अलग
अधिकतर लोग आड़ू (Peach) और खुबानी (Apricot) को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं. दरअसल दोनों ही दिखने में एक जैसे होते हैं लेकिन आड़ू खुबानी से बड़े आकार का होता है. उसमें गुदा भी ज्यादा होता है. आड़ू सुखाकर नहीं खाया जा सकता है लेकिन खुबानी को सुखाकर उसे ड्राई फ्रूट की तरह खाते हैं. खुबानी का जूस भी पिया जाता है. आड़ू खाने में जूसी लेकिन कई बार सख्त होता है लेकिन खुबानी बहुत सॉफ्ट होती है. खुबानी को तोड़कर उसकी गुठली से बादाम जैसा बीज निकलता है. कई लोग इसे बड़े स्वाद से खाते हैं. कई बार कड़वा भी निकल जाता है जबकि आड़ू की गुठली में से ऐसा कुछ नहीं निकलता.
Tags: Dry Fruits, Eastern Ladakh, Food, Food Stories, Health, Pregnant Women
FIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 19:35 IST
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