[ad_1]
काजू एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जो हर किसी को खूब पसंद है. काजू की ग्रेवी से बनी पनीर की सब्जी हो, पुलाव हो या काजू कतली मिठाई, इसे मुगल काल से पसंद किया जा रहा है. कहते हैं कि अकबर को काजू कोरमा तो जहांगीर को काजू कतली खूब भाती थी. काजू जिस भी पकवान में डल जाता है, उसका स्वाद ही बदल जाता है. भारत में गोवा काजू के लिए जाना जाता है, लेकिन लगभग 526 साल तक यह हमारे देश में उगता ही नहीं था. आज 23 नवंबर है और यह दिन National Cashew Day के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर जानिए काजू की कहानी.
पुर्तगाल से भारत पहुंचे काजू
भारत के गोवा में पुर्तगालियों ने 20 मई 1498 में प्रवेश किया और उनके जरिए 1560 में काजू की यहां एंट्री हुई. शुरुआत में पुर्तगाली व्यापारी इनका व्यापार करते थे. वह ब्राजील से काजू लाते थे. दरअसल काजू वहीं सबसे ज्यादा उगता था. लेकिन धीरे-धीरे इसकी खेती गोवा में होने लगी. यह समुद्री इलाकों में उगाए जाते हैं इसलिए अब इसकी खेती केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी होती है. काजू को इंग्लिश में cashew कहते हैं जो पुर्तगाली शब्द caju से बना है.
काजू एक बीज है!
काजू को कई लोग मेवा समझकर खाते हैं लेकिन काजू एक बीज है जो एनाकार्डिएसी नाम की फैमिली का हिस्सा है. इसी फैमिली में आम और पिस्ता भी आता है. दरअसल काजू कैश्यू एप्पल नाम के पेड़ का बीज होता है. इसकी अनोखी बात यह है कि यह बीज फल के अंदर नहीं बल्कि बाहर नीचे की तरफ लटका रहता है. लाल और पीले रंग के कैश्यू एप्पल सेब जैसे रसीले और मीठे होते हैं. इससे कुछ लोग सब्जी, चटनी और जैम भी बनाते हैं. गोवा में बनने वाली मशहूर शराब फैनी कैश्यू एप्पल से ही बनती है.
काजू कैश्यू एप्पल का बीज होता है. इसे खाने से शरीर को ताकत मिलती है (Image-Canva)
हजारों साल से इंसान खा रहे हैं काजू
काजू में आयरन, कॉपर, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी, सी, कैल्शियम, सोडियम, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होता है. इसे करीब 9 हजार साल से खाया जा रहा है. दक्षिण अमेरिका के ब्राजील में बसे तुपी आदिवासी इसे बहुत पहले से खा रहे हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार काजू को सबसे पहले कैपुचिन नाम के बंदरों ने चखा जो ब्राजील में पाए जाते हैं.
अमेरिकी सैनिकों को तुरंत मिलती थी ताकत
1947 से 1989 तक अमेरिका और सोवियत संघ के बीच कोल्ड वार चल रही थी. इस दौरान अमेरिका अपने सैनिकों की सर्वाइवल किट में काजू से बने मक्खन को देता था. दरअसल काजू खाने से शरीर को तुरंत ताकत मिलती है. सैनिक जब थकान या कमजोरी महसूस करते थे तो उन्हें इसे खाने से काफी फायदा मिलता था. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान काजू से निकलने वाले तेल को हथियारों में लुब्रिकेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था.
कैश्यू नट्स होते हैं जहरीले?
काजू के ऊपर मूंगफली की तरह छिलका होता है. मूंगफली छिलके के साथ बेची जाती है जबकि काजू ऐसे नहीं बेचा जाता क्योंकि उसका छिलका जहरीला होता है. दरअसल काजू का बीज जिस छिलके में बंद होता है, उसमें अनाकार्डिक एसिड होता है. यह जहरीला पदार्थ स्किन को इरिटेड कर देता है और इससे रैशेज हो सकते हैं. इसलिए काजू को हमेशा इस शैल से हटाकर ही बेचा जाता है. शुरुआती दौर में यूरोप के लोग इसे जहरीला समझते थे लेकिन इसे खाने का तरीका तुपी आदिवासियों ने ही दुनिया को सिखाया.
काजू के मिल्क प्रोडक्ट
जो लोग वीगन हैं यानी गाय, बकरी, भैंस या किसी दूसरे जानवर के दूध को नहीं पीते, उनके बीच काजू का दूध बहुत पॉपुलर है. इसके अलावा जिन्हें लैक्टोज इनटॉलरेंस है यानी डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है, उनके लिए भी यह अच्छा विकल्प है. दरअसल यह प्लांट बेस्ड मिल्क है. काजू का दूध अब बाजारों में खूब बिक रहा है. यह बहुत आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है. काजू से केवल दूध ही नहीं बल्कि चीज और बटर भी बनता है. काजू के दूध को चाय, कॉफी, स्मूदी, क्रीमी सूप और सॉस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. वीगन डाइट में इसे मुख्य रूप से शामिल किया जाता है.
ज्यादा काजू खाने से वजन बढ़ सकता है (Image-Canva)
काजू कैसे खाने चाहिए
आयुर्वेद आचार्य एस.पी कटियार के अनुसार दिन में 30 ग्राम से ज्यादा काजू नहीं खाने चाहिए. इन्हें कभी रोस्ट कर नमक के साथ ना खाएं. काजू को बाकी ड्राई फ्रूट्स की तरह रात को भिगोकर सुबह के समय खाना चाहिए. काजू खाने से दिल के रोग, बैड कोलेस्ट्रॉल दूर होता है. स्किन अच्छी होती है, इम्यूनिटी अच्छी होती है और हड्डी मजबूत होती है. लेकिन जिन लोगों को कब्ज या ब्लोटिंग रहती है, उन्हें इससे बचना चाहिए. डायबिटीज वालों को भी इन्हें नहीं खाना चाहिए.
मेनोपॉज में फायदेमंद
रिसर्चगेट पर छपी स्टडी के अनुसार काजू में मैग्नीशियम होता है जो सिरदर्द में फायदा पहुंचाता है. जिन लोगों को माइग्रेन या लगातार सिरदर्द रहता है, उन्हें हर रोज काजू खाने चाहिए. इससे दिमाग में अच्छे से ब्लड का सर्कुलेशन रहता है. इसके अलावा यह हॉर्मोन्स को भी बैलेंस रखते हैं. मेनोपॉज में काजू खाने से महिलाओं को हॉट फ्लैशेज होने की संभावना कम होती है.
Tags: Brazil News, Diabetes, Dry Fruits, Global health, Glowing Skin, Goa, Health
FIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 11:24 IST
[ad_2]
Source link