[ad_1]
Last Updated:
Pali Famous Food: बारिश के मौसम में रोहट नेशनल हाईवे पर मोगर की गर्मागर्म कचोरी का क्रेज चरम पर है. स्वाद ऐसा कि दूर-दूर से लोग खिंचे चले आते हैं. हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें और जाम आम नजारा बन गया है. बार…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बारिश में स्वाद का तड़का
- रोहट हाईवे पर हर रोज लगता है जायकों का मेला
- जाम भी हुआ बेकार
अभी जब बारिश का मौसम है तो बादलों बूंदो के बीच इस कचोरी को खाने के लिए रोहट नेशनल हाईवे पर गाडिया की इतनी भीड लग जाती है कि कभी तो यहां से गुजरना तक मुश्किल हो जाता है. यह कचोरी भी प्रसिद्ध है एक ही दुकान की जिसका नाम है प्रहलादंद मांगीलाल प्रजापत की जिन्होने इस कचोरी का आविष्कार किया था.
रोहट की कचौरी इतनी स्वादिष्ट होती है, कि देखते ही मुंह में पानी आ जाता है. पाली नेशनल हाईवे से गुजरने वाला हर व्यक्ति रोहट पर रुककर कचौरी खाना बेहद पसंद करता है. जिसकी वजह है इनका बेहतरीन स्वाद है.अभी जब बारिश का मौसम है तो इस कचोरी की डिमांड इतनी बढ गई है कि लोग इसको खाए बिना अपनी मंजिल की ओर आगे तक नही बढते. बारिश के दिनो में इस कचोरी की बिक्री और भी अधिक बढ गई है. हजारो कचोरियां प्रतिदिन यहां बिक जाती है. सबसे खास बात यह है कि इसकी डिमांड इतनी अधिक है कि इस दुकान पर तेल में कचोरियां अक्सर तलती हुई नजर आती है.
इस परिवार ने किया इसका आविष्कार
रोहट की मोगर की कचौरी विश्व प्रसिद्ध है. इस मोगर की कचौरी का आविष्कार इसी क्षेत्र के रहने वाले प्रहलाद चंद द्वारा किया गया था, जिसके स्वाद को परिवार के सदस्यों ने आज भी कायम रखा हुआ है. स्वाद के चलते आज भी रोहट की कचौरी ने विदेशों तक में अपनी पहचान बना रखी है. अगर आप भी पाली हाईवे पर हैं, तो रोहट पर प्रसिद्ध प्रहलाचंद मांगीलाल प्रजापत की दुकान पर रुकना न भूलें. रोहट की कचौरी दिखने में भले ही छोटी है मगर जब भी कोई व्यक्ति इस कचौरी का स्वाद चखता है, तो एक की जगह दो या तीन कचौरी खा जाता है.
[ad_2]
Source link