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Perfect Tea Recipe: हम सबके दिन की शुरुआत अगर किसी चीज़ से होती है, तो वो है एक कप चाय. चाहे ऑफिस का टेंशन हो, दोस्तों की मस्ती, या शाम की थकान – एक अच्छी चाय सब ठीक कर देती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मूड बना हो, पर चाय का स्वाद वैसा न आए. कभी ज़्यादा फीकी, तो कभी इतनी कड़क कि जीभ जल जाए. ऐसे में लगता है काश हर बार वही परफेक्ट चाय बन जाए जैसी टपरी पर मिलती है. असल में चाय बनाना सिर्फ एक काम नहीं, ये एक आर्ट है – जहां चार सिंपल चीज़ें (पानी, पत्ती, दूध और चीनी) सही टाइम और बैलेंस में डाल दी जाएं तो हर बार वही कमाल का फ्लेवर मिलता है.
आज हम जानेंगे कि चाय कैसे बनाई जाए जो हर बार एक जैसी बने – न ज्यादा कड़क, न ज्यादा हल्की. एकदम परफेक्ट, खुशबूदार और दिल को सुकून देने वाली. चलिए, शुरू करते हैं “भरत की टपरी वाली” परफेक्ट चाय की रेसिपी.

मुख्य भाग
1. सबसे पहले बात करते हैं पानी की:
आपको हमेशा उतना ही पानी लेना है जितने कप चाय बनानी है. मतलब अगर दो कप चाय बनानी है, तो दो कप पानी लीजिए. अब कई लोग सोचते हैं कि “इतना पानी डालेंगे तो चाय तो पतली हो जाएगी”, लेकिन ऐसा नहीं है. क्योंकि उबालते समय पानी लगभग आधा रह जाता है, और तभी चाय का असली फ्लेवर निकलता है.

अब पानी को अच्छे से उबलने दीजिए. जब पानी में उबाल आने लगे, तभी आप उसमें मसाले डालिए, अगर आपको अदरक वाली चाय पसंद है, तो इस वक्त ताज़ा अदरक घिसकर डालें. चाहें तो थोड़ा सौंफ, लौंग या इलायची का छिलका भी डाल सकते हैं.
ध्यान रहे, कच्चे या ठंडे पानी में कभी अदरक न डालें, वरना दूध बाद में फट सकता है.
उबलते हुए पानी में डालने से इन मसालों का रस और खुशबू पूरी तरह घुल जाती है. यही चाय की बेस फ्लेवर बनाती है.

2. अब आती है बारी चाय पत्ती की:
घर में ज़्यादातर लोग CTC पत्ती यूज़ करते हैं. इसे हमेशा उबलते हुए पानी में डालना चाहिए और कम से कम 3 से 5 मिनट तक बॉयल करना चाहिए. इसी से पत्ती का असली रंग और स्वाद निकलता है. जब तक पानी का रंग थोड़ा गहरा ना हो जाए, पत्ती को उबलने दीजिए.

3. अब तीसरा स्टेप है चीनी:
चीनी डालने का टाइम बहुत मायने रखता है, अगर आप चीनी पहले डाल देंगे तो फ्लेवर थोड़ा दब जाता है. इसलिए जब पत्ती उबलकर गाढ़ी हो जाए, तब चीनी डालिए. इससे मिठास बैलेंस रहती है और चाय में कड़वाहट नहीं आती.

4. अब आती है सबसे जरूरी चीज़ – दूध:
दूध ही वो चीज़ है जो चाय का पूरा गेम बदल देती है, अगर आपको क्रीमी चाय पसंद है तो फुल क्रीम दूध डालिए, अगर आपको कड़क चाय पसंद है तो टोंड मिल्क बिल्कुल सही रहेगा,
और अगर आप चाहते हैं कि चाय न ज्यादा भारी लगे न ज्यादा हल्की, तो काउ मिल्क (मिश्रित दूध) एकदम परफेक्ट रहेगा.

दूध डालते वक्त एक बात का ध्यान रखें – दूध रूम टेंपरेचर पर होना चाहिए. ठंडा दूध डालने से चाय का बॉइलिंग प्रोसेस रुक जाता है और स्वाद फीका पड़ सकता है.
दूध डालने के बाद चाय को लो फ्लेम पर उबलने दीजिए. जब तक उबाल आने लगे और बुलबुले बड़े न दिखने लगें, तब तक पकाइए. जब ये बुलबुले धीरे-धीरे बढ़ने लगें, तब समझिए कि चाय तैयार है.

आप चाहें तो आखिर में थोड़ा दालचीनी पाउडर या इलायची दानों का पाउडर डाल सकते हैं. इससे न सिर्फ चाय की खुशबू बढ़ती है बल्कि पीने का पूरा एक्सपीरियंस और भी रिच लगता है.

एक और टिप – अगर आपको चाय की स्मूदनेस बढ़ानी है, तो गैस बंद करने से ठीक पहले चाय को एक बार ऊँचाई से दो-तीन बार पलटकर डालें. इससे झाग बढ़ेगा और टेक्सचर शानदार बनेगा.

अब जब आप इस तरीके से चाय बनाएंगे, तो वो हर बार एक जैसी बनेगी – न ज्यादा पतली, न ज्यादा गाढ़ी, बस आपकी पसंद के हिसाब से एकदम परफेक्ट.

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