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Period Delay Reasons: पीरियड मिस मतलब प्रेग्नेंसी? क्या आप भी ऐसा ही सोचते हैं. अगर आपका जवाब हां तो यकीन मानिए कि आप गलत हैं. डॉक्टर्स इसको केवल और केवल आम धारणा मानते हैं. सच्चाई से इसका कोई जुड़ाव नहीं होता है. हालांकि, कुछ शादीशुदा…और पढ़ें
Period Delay Reasons: पीरियड मिस मतलब प्रेग्नेंसी? क्या आप भी ऐसा ही सोचते हैं. अगर आपका जवाब हां तो यकीन मानिए कि आप गलत हैं. डॉक्टर्स इसको केवल और केवल आम धारणा मानते हैं. सच्चाई से इसका कोई जुड़ाव नहीं होता है. हालांकि, कुछ शादीशुदा महिलाओं के मामलों में ऐसा हो भी सकता है. लेकिन, सभी में ऐसा हो ये जरूरी नहीं है. दरअसल, महिलाएं इस बात को लेकर चिंता में पड़ जाती हैं कि आखिर हर महीने होने वाला पीरियड इस बार डिले या मिस क्यों हो रहा? कहीं ऐसा तो नहीं कि वे प्रेगनेंट हैं? लेकिन जब ये प्रेग्नेंसी टेस्ट करती हैं तो रिजल्ट निगेटिव आता है. ऐसे में समझ नहीं आता कि आखिर पीरियड की डेट में लगातार बदलाव या गैप क्यों हो रहा है?
अब सवाल है कि आखिर कभी-कभार पीरियड मिस क्यों हो जाते हैं? क्या पीरियड मिस होने का मतलब प्रेग्नेंसी है? प्रेग्नेंसी के अलावा किन कारणों से पीरियड हो सकते डिले? इस बारे में News18 को बता रही हैं लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अनुपम रानी-
पीरियड मिस या डिले होने की मुख्य वजह
डॉक्टर अनुपम रानी बताती हैं कि, आमतौर पर पीरियड मिस होने की दो खास वजह हो सकती हैं. पहली वजह है तब जब पीरियड पहली बार शुरू हो रहा है और दूसरी वजह जब मेनोपॉज ट्रांसमिशन शुरू होता है. हालांकि इसके अलावा भी कई कारण हैं जब पीरियड या तो डिले होता है या ईरेग्युलर हो सकता है. ऐसी स्थिति में भ्रम छोड़ डॉक्टर से सलाह लें.
प्रेग्नेंसी ही नहीं, पीरियड मिस होने के ये भी 5 बड़े कारण
तनाव: डॉक्टर के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के अलावा तनाव लेना भी पीरियड मिस का कारण बन सकता है. दरअसल, क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह से कई बार हार्मोनल बदलाव होता है, जो ब्रेन के उस पार्ट को अफेक्ट करता है, जो पीरियड के रेगुलर रखने का काम करता है. ऐसी स्थिति में आपका वजन तेजी से बढ़ने या घटने लगता है. ऐसा होने से भी पीरियड डिले या मिस होने लगता है.
वजन घटना: शरीर का वजन तेजी से घटना भी कई बार पीरियड मिस होने की वजह बन सकती है. एक्सपर्ट की मानें तो, यदि शरीर से अचानक से बहुत अधिक फैट कम होने लगे तो भी आपके मासिक धर्म में बदलाव हो सकता है. यही नहीं, कई बार ये महीनों तक ये बंद भी हो सकता है.
मोटापा: अगर अधिक तेजी से वजन बढ़ रहा है तो इस वजह से हार्मोनल बदलाव आता है और पीरियड रेगुलर नहीं हो पाता. वजन बढ़ जाने से एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन बहुत अधिक होने लगता है जिससे रीप्रोडक्टिव हार्मोन प्रभावित होता है. ऐसे में पीरियड डिले हो सकता है.
पीसीओएस: पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रॉम (PCOS) होने पर बॉडी में मेल हार्मोन एन्ड्रोजन का प्रोडक्शन अधिक होता है. जिसकी वजह से शरीर में सिस्ट फॉर्म होने लगते हैं. इस कारण ओवल्यूशन ईरेगुलर हो जाता है और कई बार तो पीरियड आना भी बंद हो जाता है.
गंभीर बीमारी: डॉक्टर बताती हैं कि, अगर आप डायबिटीज, सिलएक डिजीज जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाएं तो इससे भी हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं और इस तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इसकी वजह से पीरियड का असंतुलन होना कॉमन बात है.
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January 15, 2025, 16:52 IST
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