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Pilibhit News :पीलीभीत में बाघों का आतंक फिर इन दिनों चर्चा में है. गौरतलब है कि 2014 से अब तक जंगली जानवरों के हमले में 65 लोगों की मौत हुई है और 30 बाघ-तेंदुए रेस्क्यू किए गए हैं. विशेषज्ञ केशव अग्रवाल ने कह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • पीलीभीत में बाघ ने किसान को मार डाला.
  • 2014 से अब तक 65 लोगों की मौत हुई है.
  • 30 बाघ और तेंदुए रेस्क्यू किए गए हैं.

पीलीभीत : सोमवार को पीलीभीत में एक बाघ ने एक किसान को मार डाला. हालांकि वन विभाग अब इस बाघ को पकड़ने के लिए उसकी लोकेशन का पता लगाने में जुटा है. यह पहली बार नहीं है जब पीलीभीत में ऐसी घटनाएं हुई हैं. लगभग पूरे साल ही पीलीभीत के किसी न किसी इलाके में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष होता रहता है. इसके चलते कई बार ग्रामीणों के दबाव में आकर बाघ को रेस्क्यू करना पड़ता है. अधिकतर मामलों में इन जानवरों को चिड़ियाघर में भेज दिया जाता है.

पीलीभीत में लगातार हो रही इन घटनाओं पर लोकल 18 ने वरिष्ठ वन्यजीव पत्रकार और विशेषज्ञ केशव अग्रवाल से बात की. केशव अग्रवाल ने बताया कि केवल उन जानवरों को चिड़ियाघर भेजने की जरूरत होती है जो घायल होते हैं या जंगल में शिकार करने में असमर्थ होते हैं. क्योंकि जब जंगली जानवर जंगल में शिकार नहीं कर पाते, तो वे आसान शिकार की तलाश में आबादी की ओर रुख करते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाओं के बाद अधिकतर बाघों को आदमखोर घोषित कर चिड़ियाघर भेज दिया जाता है. अगर ऐसा ही चलता रहा था पीलीभीत के जंगलों में बचेगा क्या?

65 लोगों की हुई मौत
अगर 2014 से अब तक की बात करें तो इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष में लगभग 65 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं पीलीभीत से कुल 30 बाघ और तेंदुए रेस्क्यू किए जा चुके हैं, जिनमें 6 तेंदुए और 25 बाघ शामिल हैं. रेस्क्यू किए गए 6 तेंदुओं में से 1-1 को लखनऊ और कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया, जबकि 4 को जंगल में छोड़ दिया गया. लेकिन बाघों के मामले में यह अनुपात 50:50 से भी अधिक है.

मार्च में हुई थी केसरी की मौत
अब तक रेस्क्यू किए गए 25 बाघों में से केवल 12 को ही जंगल में छोड़ा गया, जबकि 7 बाघ लखनऊ, 5 कानपुर और 1 गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया. पिछले साल गोरखपुर भेजे गए बाघ केसरी की मार्च महीने में मौत हो गई थी. विभाग को चाहिए कि जल्द से जल्द पीलीभीत में रीवाइल्डिंग इनक्लोजर तैयार करे.

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सब जानवरों को घोषित कर देंगे आदमखोर… तो पीलीभीत में बचेगा क्या?

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