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पटना. पिछले दिनों पटना में अपराधियों ने पुलिस को खूब चुनौती दी. दिनदहाड़े राजधानी के पॉश इलाकों में हथियार लहराते और फायरिंग करते हुए नजर आए. पटना पुलिस इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रही है. इन घटनाओं से लॉ एंड ऑर्डर पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. इन घटनाओं को लेकर पटना के लोगों ने भी बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है. अपराधियों के इस बेखौफ अवतार पर लोकल 18 ने पटना के लोगों से बातचीत की. लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोगों ने कहा कि बिहार में सुशासन का राज है. 2005 के पहले वाला बिहार भूल गए क्या? वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अब तो पटना में रहने में भी डर लगने लगा है. कौन कब आ जाएगा, कुछ विवाद होगा और गोली चला देगा. कोई गारंटी नहीं है. लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है.
राजधानी के सचिवालय के नजदीक लिट्टी और मटन का स्वाद चख रहे एक रंजीत ने बताया कि बिहार में इतनी बड़ी आबादी है. एक दो घटनाएं हो जाने से सुशासन पर सवाल उठाना गलत है. बिहार में सब ठीक चल रहा है कोई दिक्कत नहीं है. एक समय था जब बिहार में रोज इस तरह की दर्जनों घटनाएं होती थी. अब तो महीना दो महीने में एक दो घटनाएं हो रही है. ये भी आपसी रंजिश की वजह से हो रहा है. कुल मिलाकर बिहार में कोई दिक्कत वाली बात नहीं है. बाकी जो गलत कर रहा है उसको सजा मिलेगी. पुलिस काम कर ही रही है.
पटना में नहीं है डर का माहौल
बगल में एक और व्यक्ति ने कहा कि पटना में कोई डर वाला माहौल नहीं है. सुशासन का राज है तो डर कैसा. निश्चित होकर लोग सड़क पर मटन खा रहे हैं. छोटी मोटी कुछ घटनाएं हो रही है. कोई बड़ा नरसंहार जैसी चीजें नहीं हो रही है. आपसी विवाद की वजह से कुछ घटनाएं देखने को मिल रही है. इसलिए सरकार में कोई दिक्कत नहीं है. इसलिए डर का कहीं कोई माहौल नहीं है.
आपसी झगड़े के बीच हुई गोलीबारी
ठंडा पानी बेच रहे एक दुकानदार ने बताया कि बिहार की कानून व्यवस्था दूसरे राज्यों से भी बढ़िया है. बोरिंग रोड में जो घटना हुई वो आपसी लड़ाई झगड़े की वजह से हुई. ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. कहीं भी घूमिए कोई डर का माहौल नहीं है. दिन रात पुलिस की पेट्रोलिंग होती रहती है. अगर कोई दिक्कत होती है तो उसको बोलिए. पुलिस तुरंत पहुंच जाती है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठीक है. एक युवक ने कहा, ‘कोई दिक्कत नहीं है. बोरिंग रोड में स्टूडेंट के बीच लड़ाई झगड़े को लेकर गोली चली. यह सब थोड़ा बहुत तो हर जगह होता है. बिहार की कानून व्यवस्था ठीक है. हम लोग क्यों डरेंगे. रात-रात भर लोग घूमते हैं. कहीं कुछ नहीं होता है.
2005 के पहले वाला बिहार भूल गए क्या
एक और व्यक्ति ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बिहार की कानून व्यवस्था चरमरा गई है. 2005 से पहले वाला दशक भूल गए क्या. उस समय एक दिन में सौ हत्याएं पटना में होती थी. अब तो कभी-कभी एक दो घटनाएं हो जाती है. उसमें भी ऐसे लोगों का जेल जाना निश्चित है. आज तो नहीं तो कल पुलिस इनको धर दबोचेगी. अब बोरिंग रोड में जो हुआ उसपर पुलिस एक्टिव है, कार्रवाई हो रही है. जल्द ही गोलीबारी करने वाले पकड़ा जाएंगे.
कौन कब गोली चला देगा, कोई ठिकाना ही नहीं है
दोपहर के समय दाल, भात भुजिया का स्वाद ले रहे मनोज ने बताया बोरिंग रोड में जो हुआ उससे तो यही लग रहा है कि पटना से कानून व्यवस्था एकदम खत्म हो गई है. जिसको जो मन में आ रहा है, वो कर रहा है. लॉ एंड ऑर्डर के एडीजी के रहते गोली चल जा रहा है तो आम पब्लिक का क्या होगा. बात-बात पर लोग एक दूसरे की जान लेने पर उतारू है. भीड़भाड़ वाले एरिया में जिस तरह से फायरिंग करते हुए निकल गया, यह तो यही दिखा रहा है कि पुलिस का कोई डर ही नहीं है. पटना में यह हाल है तब बाकी जगह क्या होगा सोच लीजिए. अभी भी हमको डर लग रहा है. यहां बैठ के खा रहे हैं, उधर से कोई लड़ते झगड़ते आएगा और गोली चला देगा तो हम क्या कर लेंगे? कब क्या जो जाए. कुछ नहीं कह सकते. कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
रात में सवारी बैठाने में भी डर लगता है
एक ऑटो चालक ने कहा कि हमने गोलीबारी वाला वीडियो देखा है. अब तो हम लोग को भी उधर जाने में डर लगता है. जक्कनपुर, दानापुर का एरिया एकदम खत्म है. उधर जाने में भी डर लगता है. शराबबंदी के बाद नशेड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है. अब कौन कैसा मिल जाएगा, कोई ठिकाना नहीं है. कब मोबाइल छीन लेगा, कब अटैक कर देगा. इसकी कोई गारंटी नहीं है. पटना में कानून व्यवस्था एकदम खत्म हो गया. प्रशासन की अनदेखी है. एक और ऑटो ड्राइवर ने कहा कि डर का माहौल तो थोड़ा सा है. रात के सात बजे के बाद गाड़ी चलाने में भी डर लगता है. हर जगह प्रशासन एक्टिव भी नहीं है.
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