Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

फर्रुखाबाद के सेंट्रल जेल रोड पर स्थित गोपाल की दुकान पिछले दस वर्षों से अपनी पारंपरिक सूतफेनी बनाने की कला के लिए जानी जाती है. बुजुर्गों से सिखाई गई यह विधि आज भी पूरी तरह कायम है, जिसके कारण आसपास के कई जिलो…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • सावन में सूतफैनी का विशेष महत्व होता है
  • सूतफैनी दूध और मेवों के साथ बनाई जाती है
  • फर्रुखाबाद की गोपाल की दुकान सूतफैनी के लिए मशहूर है
फर्रुखाबाद. सावन के माह में विभिन्न प्रकार के पकवान घरों में बनाए जाते हैं, जिनकी एक लंबी सूची होती है. इस समय हर क्षेत्र के स्वाद के अनुसार अलग-अलग व्यंजन तैयार किए जाते हैं. सावन के दिनों में सूतफैनी का विशेष महत्व होता है. सूतफैनी को मेवों के साथ दूध में डालकर बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद बेहद लाजवाब हो जाता है. यह व्यंजन न केवल स्वाद में अनोखा होता है, बल्कि शरीर को तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करता है. सूतफैनी बनाने की प्रक्रिया सरल है और इसे घर पर भी आसानी से तैयार किया जा सकता है. इस रिपोर्ट में जानिए सूतफैनी कैसे बनती है और किन-किन सामग्री का उपयोग करके आप अपने घर में यह स्वादिष्ट पकवान बना सकते हैं.

भाव 50 से 70 रुपए प्रति किलो
फर्रुखाबाद के सेंट्रल जेल रोड पर स्थित गोपाल की दुकान लगभग 10 साल से सुजाती सूतफैनी के लिए मशहूर है. दुकान की शुरुआत आज से करीब एक दशक पहले हुई थी और यह पारंपरिक सूतफैनी बनाने की विधि का पालन करती है, जो बुजुर्गों के समय से चली आ रही है. इसी वजह से आसपास के कई जिलों से लोग यहां की शुद्ध और स्वादिष्ट सूतफैनी ऑर्डर करते हैं. दुकानदार राहुल बताते हैं कि वे कई प्रकार की सूतफैनी तैयार करते हैं, जिनमें जवारा, रोस्टेड, सुखी दूध से बनी और देसी घी से तैयार सूतफैनी प्रमुख हैं. इन सभी प्रकार की सूतफैनी की अच्छी मांग रहती है और इनका भाव 50 से 70 रुपए प्रति किलो तक होता है. यह पारंपरिक मिठाई स्वाद और गुणवत्ता के कारण ग्राहकों के बीच बेहद लोकप्रिय है.

यह है बनाने की रेसिपी 
फर्रुखाबाद की इस दुकान में सूतफैनी बनाने के लिए खास कारीगर सावन के महीने में कानपुर घाटमपुर के क्षेत्र से आते हैं. ये माहिर कारीगर हर प्रकार की सूतफैनी तैयार करने में निपुण होते हैं और शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए इस पारंपरिक मिठाई को बनाते हैं. सूतफैनी बनाने की प्रक्रिया सुबह से देर रात तक चलती है और इसमें लगभग 5 से 7 विभिन्न चरण होते हैं. सबसे पहले मैदा और घी को मिलाकर तैयारी शुरू की जाती है. इसके बाद धीरे-धीरे सूतफैनी की कई परतें बनती हैं, जो कढ़ाई में पहुंचती हैं. जब इसे गर्म तेल में डाला जाता है, तो सूतफैनी के लच्छे अलग हो जाते हैं और मिठाई पककर तैयार हो जाती है. पकने के बाद इसे सावधानी से कागज के बॉक्स में पैक किया जाता है और फिर बिक्री के लिए बाजार में भेज दिया जाता है. इस पारंपरिक विधि के कारण यहां की सूतफैनी अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए पहचानी जाती है.

काफी आसान है रेसिपी
सूतफेनी को घर पर लाने के बाद सबसे पहले इसे हल्का सा तेल में गर्म किया जाता है. इसके बाद इसे दूध में डालकर पकाया जाता है. दूध में स्वाद अनुसार चीनी और इलायची मिलाई जाती है, जो सूतफेनी को खुशबू और मिठास प्रदान करती है. ऊपर से मेवा जैसे बादाम, पिस्ता और काजू डालकर इसे अच्छे से पकाया जाता है. जब सूतफेनी पूरी तरह से पक जाती है, तो उसकी महक पूरे घर में फैल जाती है. इसके बाद इसे सावधानी से निकालकर परोस दिया जाता है, जो सभी के लिए एक स्वादिष्ट और ऊर्जा देने वाला व्यंजन बन जाता है.

homelifestyle

Recipe: सावन में बनता है खास पकवान, दूध और मेवों से तैयार होती लाजवाब डिश

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment