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किशनगढ़ रेनवाल के केसर रसगुल्ले प्रसिद्ध हैं. यहां दर्जनों हलवाई पीढ़ियों से इन्हें बनाते आ रहे हैं. ताजे छेना, मैदा, केसर और इलायची फ्लेवर से रसगुल्ले खास और स्वादिष्ट बनते हैं.
हाइलाइट्स
- किशनगढ़ रेनवाल के केसर रसगुल्ले प्रसिद्ध हैं.
- ताजे छेना, मैदा, केसर और इलायची से बनते हैं.
- केसर रसगुल्ले ठंडा करके खाने में स्वादिष्ट लगते हैं.
जयपुर:- राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरीके की मिठाइयां प्रसिद्ध हैं. वातावरण और कार्यक्रम की अलग विधि के कारण मिठाइयां खास और स्वादिष्ट बनती है. राजधानी जयपुर से 70 किलोमीटर दूर किशनगढ़ रेनवाल कस्बे में बनने वे केसर रसगुल्ले प्रसिद्ध हैं. यहां के केसर रसगुल्ले की डिमांड काफी अधिक रहती है.
केसर रसगुल्ला बनाने की खास विधि
किशनगढ़ रेनवाल में स्थानीय विधि के अनुसार, केसर रसगुल्ले खास तरीके से बनाए जाते हैं. यहां ऐसे दर्जनों हलवाई हैं, जो 2 से 3 पीढ़ियों से लगातार केसर रसगुल्ला बनाने का काम ही कर रहे हैं. हवाई राम कुमार ने बताया कि केसर रसगुल्ला बनाने के लिए एक विशेष विधि का उपयोग किया जाता है.
रसगुल्ले को ऐसे मिलता है सुगंध
अब एक बर्तन में पानी, चीनी और केसर डालकर चाशनी तैयार करें. चाशनी में केसर मिलाने से रसगुल्ले को सुगंध और खास पीला रंग मिलता है. चाशनी उबलने पर इसमें छेना के बॉल्स धीरे-धीरे डालें. ढक्कन लगाकर मध्यम आंच पर 15-20 मिनट तक पकाएं. रसगुल्ले फूलकर दोगुने हो जाएंगे और केसर की खुशबू से भर जाएंगे. पकाने के बाद इन्हें ठंडा होने दें और फ्रिज में चिल्ड करें. ठंडा केसर रसगुल्ला खाने में बेहद मुलायम और स्वादिष्ट लगता है.
इलायची फ्लेवर से होता है अधिक स्वादिष्ट
हवाई राम कुमार ने Local 18 को बताया कि रसगुल्ला में इलाज फ्लेवर सबसे स्वादिष्ट होता है. इसे तैयार करने के लिए केसर रसगुल्ला बनाते समय जब ताजे छेना (पनीर) के छोटे गोल तैयार करते हैं. तब इसमें इलायची फ्लेवर पाउडर डाला जाता है. इसके अलावा लास्ट में बनने के बाद ठंडी चासनी के अंदर भी इलायची फ्लेवर का उपयोग किया जाता है. 15 मिनट इलायची फ्लावर चासनी के अंदर केसर रसगुल्ला डूबने के बाद इसका फ्लेवर बहुत शानदार हो जाता है.
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