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Saas Bahu Aur Flamingo Review: डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) ने डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ (Saas Bahu Aur Flamingo) से अपना डिजिटल डेब्यू किया है. डिंपल अपनी सेकंड इनिंग में मजेदार अंदाज में नजर आ रही हैं. इस साल बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही ‘पठान’ में भी डिंपल थीं तो ‘तू झूठी मैं मक्कार’ में भी डिंपल कपाड़िया ‘थप्पड़ मारने वाली मां’ के अवतार में नजर आईं. लेकिन फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर नजर आ रहीं डिंपल अपने ओटीटी डेब्यू में धाकड़ अंदाज में नजर आ रही हैं. निर्देशक होमी अदाजानिया की ये सीरीज एक क्राइम ड्रामा सीरीज है और ऐसे जॉनर में अक्सर मर्दो को ही गोलियां चलाते हुए आपने देखा होगा. लेकिन ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ कई मायनों में अलग है.
कच्छ के रण में बसे गांव रुंझ में इस कहानी को गढ़ा गया है, जहां मिलेंगी ड्रग्स का पूरा साम्राज्य चलाती सास-बहू और बेटियों की एक गैंग. डिंपल के अलावा इस सीरीज में मैडॉक फिल्म्स के प्रोडक्शन में बन रही इस सीरीज में डिंपल कपाड़िया के साथ एक्ट्रेस राधिका मदान, अंगीरा धर, ईशा तलवार मुख्य किरदार में हैं. इनके अलावा नसीरुद्दीन शाह, आशीष वर्मा, वरुण मित्रा, उदित अरोड़ा, दीपक डोबरियाल और मोनिका डोगरा जैसे सितारे नजर आएंगे. अब ये कहानी आपको कितना इंप्रैस करेगी, या नहीं आइए आपको बताते हैं.
क्या कहती है सास, बहू और फ्लेमिंगो की कहानी
सास, बहू और फ्लेमिंगो की कहानी है रानी कॉपरेटिव चलाने वाली सावित्री की जिसे सब रानी कहते थे. रानी अपनी बेटी और दो बहुओं के साथ मिलकर कठपुतलियों और कपड़ों का व्यापार चलाती है. पर उसका असली बिजनेस है ‘गोल्डन रिंग’ (मध्य भारत और दिल्ली ) में फ्लेमिंगो नाम की ड्रग्स का धंधा, जो वो अपने रानी कॉपरेटिव की आड़ में चलाती है. दिलचस्प है कि इस पूरे धंधे को सावित्री अपनी बेटी, दो बहुओं और एक मुंह बोले बेटे के साथ चलाती है, जबकि उसके खुद के दो बेटे इस सारे गोरख धंधे से दूर विदेश में रहते हैं. उन्हें नहीं पता कि उनकी मां आखिर असल में क्या करती है. सावित्री का बहुओं-बेटों वाला ये भरा-पूरा परिवार है जो शुरआत में आपको एक-साथ खड़ा नजर आता है. लेकिन धीरे-धीरे जैसे परतें खुलती चली जाती हैं, इन सास बहुओं और फ्लेमिंगों की कहानी में कई किरदारों की परतें खुलती चली जाती हैं. पर कहानी में सिर्फ सावित्री और उसके परिवार के ये कॉम्प्लैक्स करैक्टर ही नहीं है, बल्कि ड्रग्स के धंधे में सिल्वर रिंग (नोर्थ ईस्ट) के धंधे का बादशाह मोंक (दीपक डोबरियाल) भी है.
इस सीरीज के जरिए डिंंपल ने ओटीटी पर डेब्यू किया है.
डायरेक्टर साहब और डिंपल कपाड़िया का कनेक्शन
‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ के डायरेक्टर होमी अदजानिया ने ‘बीइंग सायरस’ जैसे अंग्रेजी साइकलॉजिकल ड्रामा से अपनी डायरेक्टोरियल जर्नी शुरू की थी. उस फिल्म में भी डिंपल कपाड़िया और नसीरुद्दीन शाह थे. अदजानिया की फिल्मोग्राफी में डिंपल कपाड़िया हमेशा रही हैं और शायद यही वजह है कि अपने इस वेब डायरेक्टोरियल डेब्यू के लिए भी उनकी पहली पसंद डिंपल ही थीं. दिलचस्प है कि इससे पहले तक होमी अदजानिया ‘कॉकटेल’, ‘फाइंडिंग फैनी’ जैसी शहरी ऑडियंस की फिल्में बना चुके हैं पर ‘सास बहु और फ्लेमिंगो एक बिलकुल अलहदा प्रयोग है. और हां, जिन फिल्मों का मैंने नाम लिया उन सब में भी डिंपल कपाड़िया थीं.
ये सास-बहुएं भी लड़ती हैं, पर गुंडों से
अक्सर क्राइम, ड्रामा या ऐसी एक्शन-सस्पेंस थ्रिलर सीरीज मर्दों के आधिपत्य वाले क्षेत्र माने जाते हैं, पर ‘सास बहू और फ्लेमिंगों’ में ये सारा काम औरतें कर रही हैं और वो भी बिना किसी भूमिका बनाए या टाइट कपड़े पहन चहरे के एक्सप्रेशन उड़ाए हुई महिलाएं बनें. घाघरा-चोली पहने, शरीर पर गुदवाने के बहुत सारे निशान और कटपुतली के नाच की गुड़ियाएं बनाती ये महिलाएं गुंडों का हमला होते ही इन्हीं घाघरों में स्टंट कर रही हैं. सास-बहुओं का जिक्र आते ही आपको टीवी सीरियल याद आ जाते हैं, लेकिन होमी अदजानिया की ये सास-बहुएं गजब लड़ती हैं पर आपस में नहीं, गुंडो से. सीरीज शुरु होते ही पहले 1 मिनट में आपको पता चल जाएगा कि ये सीरीज किस हद तक खून-खराबा दिखाने वाली है. सीरीज में खून-खच्चर इस कदर है कि वो वीभत्सता के स्तर पर पहुंच जाता है. लेकिन ये सब जस्टिफाई इसलिए होता है क्योंकि हर एक्शन सीन के आसपास बुने एक हालातों और भावों से आप कनेक्ट कर पाएंगे.
8 एपिसोड की इस सीरीज में पहले एपिसोड से ही आप कहानी के साथ इंगेज होने लगते हैं. शुरुआत के 2 एपिसोड थोड़े हल्के पलों वाले हैं. शुरुआत में विदेश से आए सावित्री के दोनों बेटे आपको कार्टून करेक्टर लगते हैं. वो जिस तरह से हालातों को देखते हैं और पर्दे के पीछे की कहानी जो है, वो सब बढ़िया चलता है. हालांकि शुरुआती एपिसोड में बार-बार टेलीफोन के सिग्नल का जिक्र किया जाता है कि हवेली में नहीं आता. पर उसी हवेली में बड़ी बहू बाथरूम में बैठकर वीडियो कॉल करती है, जैसी चीजें थोड़ी अटपटी लगती हैं.
किसी भी कहानी की सबसे मजेदार बात होती है कि कहानी की शुरुआत में नजर आने वाले किरदार कहानी के अंत तक कुछ और हो जाएं. वो एक सफर तय करें, उनकी लेयर्स आपको नजर आएं और ये सीरीज उस मायने में खरी उतरती हैं. जो बेटे आपको शुरुआत में अटपटे से लगते हैं, आखिर तक उनके किरदार कैसे बदल जाते हैं, वो चौंकाने वाले हैं. कई कॉम्प्लैक्स किरदार हैं. दिलचस्प बात है कि हर एपिसोड कसा हुआ है और क्लाइमैक्स तो सच में चौंकाने वाला है. हर एपिसोड में जबरदस्त सीक्वेंस हैं और आखिर के क्लाइमैक्स तक आते-आते आप बस सारे रहस्य जानना चाहते हैं. किरदारों की लेयर्स और कहानी को बेहद खूबसूरती से पेश किया गया है.
वैसे क्लाइमैक्स को देखकर कहा जा सकता है कि निर्देशक होमी अदाजानिया की ये सास-बहुएं यहीं नहीं रुकने वालीं. हॉटस्टार पर रिलीज हुई ‘सास बहू और फ्लेमिंगों’ एक मजेदार सीरीज है और अगर आप सस्पेंस, एक्शन और थ्रिलर में कुछ मजेदार देखना चाहता हैं तो ये सीरीज आपको देखनी चाहिए. मेरी तरफ से इस सीरीज को 3.5 स्टार.
Tags: Dimple kapadia, Web Series
FIRST PUBLISHED : May 5, 2023, 09:08 IST
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