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Sahara City Dispute Lucknow: सहारा इंडिया ने लखनऊ नगर निगम की ओर से की गई जमीन कब्जे की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया कि सिविल कोर्ट से स्टे और आर्बिट्रेशन आदेश के बावजूद नगर निगम ने जबरन कार्रवाई शुरू कर दी. कोर्ट में बुधवार को सुनवाई संभव है.

Sahara City Dispute: नगर निगम की कार्रवाई को सहारा इंडिया ने हाईकोर्ट में दी चुनौती, दाखिल की याचिका

लखनऊ: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लखनऊ नगर निगम की हालिया कार्रवाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. इसमें नगर निगम द्वारा सहारा शहर में लीज की जमीनों और निर्मित संपत्तियों में किए जा रहे हस्तक्षेप को चुनौती दी गई है. सहारा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि नगर निगम ने बिना कंपनी का पक्ष पूरी तरह से सुने, जबरन कार्रवाई शुरू कर दी.

याचिका में नगर निगम द्वारा 8 और 11 सितंबर 2025 को जारी आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है. सहारा के अनुसार, सिविल कोर्ट से इस मामले में पहले ही स्थगन (स्टे) आदेश प्राप्त है, और एक आर्बिट्रेशन प्रक्रिया में भी नगर निगम को लीज एग्रीमेंट को बढ़ाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. बावजूद इसके, नगर निगम ने अब तक न तो आर्बिट्रेशन आदेश का पालन किया और न ही कोई संवाद किया.

इसके विपरीत, अचानक जमीन पर कब्जा करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई. सहारा ने लखनऊ नगर निगम की कार्रवाई को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चुनौती दी. सहारा की ओर से कहा गया कि नगर निगम ने बिना उसकी पूरी बात सुने ही शुरू कर दी कार्यवाही. सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में दाखिल की याचिका.

नगर निगम की ओर से सहारा शहर में लीज पर ली गई जमीनों, वहां बनाई गई संपत्तियों में किए जा रहे दखल को चुनौती दी गई. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि नगर निगम ने सहारा को सुनवाई का समुचित अवसर नहीं दिया, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है.

सहारा के मुताबिक, 22 अक्टूबर 1994 और 23 जून 1995 को नगर निगम ने गोमती नगर क्षेत्र में कुछ जमीनें उसे लीज पर दी थीं, जिन पर कंपनी ने करीब 2480 करोड़ रुपये की लागत से 87 रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों का विकास किया.

1997 में लीज शर्तों को लेकर निगम और सहारा के बीच विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद सहारा ने सिविल कोर्ट में मामला दायर किया और स्टे प्राप्त किया, जो आज भी प्रभावी है. 2017 में हुई एक आर्बिट्रेशन कार्यवाही में भी नगर निगम की आपत्तियों को खारिज करते हुए सहारा के पक्ष में निर्णय दिया गया, लेकिन आदेश का पालन अब तक नहीं हुआ.

इस स्थिति को देखते हुए सहारा ने एग्जीक्यूशन (पालन) याचिका भी दाखिल की है. इसके बावजूद नगर निगम कथित रूप से अवैध और जबरन कार्रवाई कर रहा है. याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई संभावित है.

राहुल गोयल

राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्‍थानों में काम करने का अनुभव. सा…और पढ़ें

राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्‍थानों में काम करने का अनुभव. सा… और पढ़ें

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