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Sam Bahadur Movie Review: निर्देशक मेघना गुलजार ने एक बार फिर विक्की कौशल पर अपना दाव लगाया है. ‘राजी’ के बाद अब विक्की कौशल के साथ वो अपनी नई फिल्म ‘सैम बहादुर’ लेकर आई हैं. विक्की कौशल अपनी पिछली कुछ रिलीज फिल्मों में कॉमेडी करने की कोशिश करते नजर आए हैं, लेकिन दर्शकों के बीच उनकी वो फिल्में इतना कमाल नहीं कर पाईं. ‘राजी’ और ‘उरी’ के बाद अब एक बार फिर विक्की एक फौजी के अवतार में नजर आए हैं और दर्शकों को उनसे फिर से वही जादू चलाने की उम्मीद होगी. Box office पर शुक्रवार को ‘सैम बहादुर’ के साथ ही रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ‘एनीमल’ भी रिलीज होने वाली है. यानी ‘संजू’ फिल्म के संजू (रणबीर कपूर) और उनके बेस्ट फ्रेंड बनें कमली (विक्की कौशल) इस शुक्रवार एक-दूसरे के आमने-सामने नजर आएंगे. आइए बताते हैं कि विक्की अपनी ‘उरी’ वाली सफलता ‘सैम बहादुर’ के साथ दौहरा पाते हैं या नहीं.
क्या कहती है कहानी
सबसे पहले फिल्म की कहानी की बात कर लें तो ये फिल्म भारतीय सेना के फील्ड मार्शल रहे सैम मानेकशॉ की बायोपिक है, जिसमें विक्की कौशल ने लीड रोल निभाया है. इस फिल्म की कहानी को सैम मानेकशॉ की जवानी के दिनों से शुरू करते हुए, दूसरे विश्वयुद्ध से लेकर और बांग्लादेश के बनने तक के हिस्सों के साथ मानेकशॉ के फील्ड मार्शल बनने तक के सफर को दिखाया गया है. इस कहानी में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी (फातिमा सना शेख) तक कई अहम किरदारों को दिखाया गया है. आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी के आगे अच्छे-अच्छे मंत्री चुप रहते थे लेकिन मानेकशॉ ऐसे ऑफिसर थे जिन्होंने इंदिरा गांधी के सामने युद्ध लड़ने के लिए साफ मना कर दिया था. सैम मानेकशॉ की पर्सनेलिटी के इस हिस्सा को फिल्म में बखूबी दिखाया गया है.
फिल्म का फर्स्ट हाफ सैम की कहानी के शुरुआती हिस्सों, दूसरे विश्वयुद्ध में उनकी लड़ाई और कुछ हद तक उनकी पर्सनल जिंदगी के हिस्सों को दिखाती है. वहीं सेकंड हाफ में कहानी में इंदिरा गांधी की एंट्री होती है और फिर कहानी में नए बदलाव और उनकी जिंदगी के आगे के हिस्सों को दिखाया गया है. फिल्म की कहानी एक बेहद लंबे समय का पर्दे पर दिखाती है. ऐसे में सभी एक्टर्स को जवानी से लेकर उनके उम्रदराज होने तक दिखाया गया है.
फिल्म ‘सैम बहादुर’ में विक्की कौशल सैम मानेकशॉ की भूमिका में हैं.
विक्की कौशल का अंदाज दिल जीत लेगा
फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा फ्लेट लगता है, पर सेकंड हाफ काफी इंगेजिंग है. लेकिन अपने पहले सीन से लेकर आखिरी सीन तक, विक्की कौशल पर्दे पर सैम के अवतार में इतने सटीक रहे हैं कि आप उनसे नजरें हटा नहीं पाएंगे. विक्की कौशकी चाल हो या उनका अंदाज, सेना और अपने जवानों के लिए उनके दिल में जो सम्मान है, उसे आप हर सीन में महसूस करेंगे. सैम मानेकशॉ की कहानियां और किस्से आपने खूब सुने होंगे लेकिन अगर आपने उनके बारे में कम सुना है तो इस फिल्म के जरिए विक्की कौशल आपको इस किरदार की इज्जत और उसे प्यार दोनों करने पर मजबूर कर देंगे.
एक्टिंग के मामले में ये फिल्म आपको एक बेहतरीन एक्सपीरंस देगी, लेकिन कहानी के तौर पर इसमें बहुत नया नहीं है. सेना और युद्ध की कहानियां जिस तरीके से इससे पहले बयां की गई हैं, ये कहानी भी उससे बहुत अलग नहीं है. पर ‘सैम बहादुर’ की सबसे अच्छी बात ये है कि सेना की जिंदगी, उसके तौर तरीकों के नजदीक जितना ज्यादा एक फिल्म में रहा जा सकता है, ये फिल्म उससे ज्यादा करीब होने की कोशिश करती है. राइफल ड्रिल से लेकर युद्ध के माहौल तक, हर चीज सच्चाई के बहुत करीब है. फिल्म का संगीत और बीजीएम (बैकग्राउंड म्यूजिक) दोनों ही कहानी के साथ पूरा तारतम्य बैठाए हुए हैं.
‘सैम बहादुर’ एक साधारण फिल्म है, जिसे विक्की कौशल ने अपने कंधों पर चलाकर एक असाधारण फिल्म बना दिया है. इस फिल्म को बड़े पर्दे पर जरूर देखा जाना चाहिए.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Vicky Kaushal
FIRST PUBLISHED : November 30, 2023, 21:00 IST
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