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Sandalwood farming tips : रामलाल मिश्रा सहायक खंड विकास अधिकारी थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने बागवानी में हाथ आजमाया. इसकी खेती का विचार यूट्यूब से आया. इसके बाद ऑनलाइन पौधे मंगवाकर अपने फार्महाउस में लगाना शुरू किया.
चित्रकूट. धर्मनगरी चित्रकूट के पाठा क्षेत्र में खेती के नए प्रयोग किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. आज जहां कई युवा शहरों में नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, वहीं कुछ लोग खेती को ही अपनी नई पहचान बना रहे हैं. ऐसी ही एक मिसाल है चित्रकूट के रामलाल मिश्रा, जो रिटायरमेंट के बाद चंदन की बागवानी कर रहे हैं. आने वाले साल में इससे लाखों की आमदनी की उम्मीद रखते हैं. रामलाल मिश्रा पहले सहायक खंड विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, उन्होंने रिटायर होने के बाद बागवानी को अपनाया. रामलाल बताते हैं कि उन्हें चंदन की खेती का विचार यूट्यूब पर वीडियो देखकर आया. इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन पौधे मंगवाकर अपने फार्महाउस में लगाना शुरू किया. वर्तमान में उन्होंने 100 पौधे लगाए हैं, जिनमें 20 पीले और 80 लाल चंदन के हैं. उनका कहना है कि एक पेड़ को तैयार होने में लगभग 10 साल लगते हैं, लेकिन उसके बाद एक पेड़ से करीब एक लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.
रामलाल मिश्रा के फार्म की देखरेख कर रहे शंकर ने बताया कि एक चंदन का पौधा करीब 299 रुपये में मिलता है. इसकी देखभाल के लिए हर सप्ताह पानी दिया जाता है, साथ ही नियमित रूप से खाद और दवा का छिड़काव किया जाता है. पौधों के बीच करीब 10 फीट की दूरी रखी जाती है ताकि वे अच्छी तरह बढ़ सकें. चंदन की बागवानी के आर्थिक लाभ के साथ-साथ इसके औषधीय और औद्योगिक उपयोग भी हैं.
कैसी चाहिए मिट्टी
चंदन का इस्तेमाल साबुन, अगरबत्ती, परफ्यूम, औषधि, हवन सामग्री, धार्मिक वस्तुओं के निर्माण में होता है. यही वजह है कि इसकी बाजार में हमेशा ऊंची मांग रहती है. चंदन की बागवानी ऊसर, बंजर या पथरीली जमीन में भी की जा सकती है, बशर्ते जमीन ऊंची हो और जलभराव न हो. दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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