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Shahjahanpur news in hindi : इन आधुनिक यंत्रों के आ जाने से खेती करना पहले के मुकाबले अब काफी आसान हो गया है. ये यंत्र पूर दिन के काम को कुछ घंटे में निपटा देते हैं. इनके प्रयोग से पैदावार भी बढ़ी है.

आज हम आपको ऐसे यंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनके बिना खेती करना अब नामुमकिन सा हो गया है. ये यंत्र किसानों की जरूरत बन गए हैं. इनकी मदद से किसान बेहतर खेती कर सकते हैं.

डिस्क हैरो की मदद से खेत की गहरी जुताई की जाती है. ये यंत्र खरपतवारों को नष्ट करने में मदद करता है. फसल अवशेष मिट्टी में मिलाने के लिए भी कारगर है. इसे ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर चलाया जाता है. इसकी डिस्क की संख्या के आधार पर छोटे-बड़े ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है.

कैल्टीवेटर भी बेहद जरूरी कृषि यंत्र है. अगर कैल्टीवेटर की मदद से खेत की जुताई की जाती है तो मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है. फसलों की जड़ें तेजी के साथ ग्रोथ करती हैं.

लेजर लेवलर के आ जाने से कम पानी में भी अच्छी फसल तैयार की जा सकती है. ये कृषि यंत्र पूरी तरीके से कंप्यूटराइज होता है, जिसको ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर चलाया जाता है. कंप्यूटरीकृत इस यंत्र से खेत को बेहतर तरीके से समतल किया जा सकता है.

खेत की जुताई के बाद खेत को समतल भी करना पड़ता है. कई बार किसान बीज की बुवाई करने के बाद भी खेत समतल करते हैं. ऐसे में लकड़ी से बने जुगाड़ू कृषि यंत्र पटेला काम आता है. इसे ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक लिफ्ट से पीछे जोड़कर खेत में घुमाया जाता है.

किसान भाई धान रोपाई की तैयारी में जुट गए हैं. धान की रोपाई करने के लिए खेत को हाइड्रोलिक डिस्क हैरो की मदद से तैयार किया जाता है. इसे ट्रैक्टर के पीछे हाइड्रॉलिक लिफ्ट से जोड़कर चलाया जाता है. इसमें लगे हुए धारदार डिस्क खरपतवार और फसल अवशेष को काटकर मिट्टी में मिला देते हैं.

मिट्टी को भुरभुरा बनाने में रोटावेटर काम आता है. रोटावेटर अलग-अलग साइज के होते हैं. इस यंत्र को ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर पीटीओ शापिट के जरिए चलाया जाता है. ये कृषि यंत्र मिट्टी को एक ही बार जुताई में भुरभुरा बना देता है.
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