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Single Use Plastic: सोनभद्र जिला प्लास्टिक निस्तारण में उदाहरण बन रहा है. डीएम, सीडीओ और डीपीआरओ की पहल से गांव प्लास्टिक मुक्त हो रहे हैं. ‘मेरी प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान से सोच बदल रही है.

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Single Use Plastic: यूपी के इस जिले में चल रहा प्लास्टिक मुक्त अभियान

Single Use Plastic

हाइलाइट्स

  • सोनभद्र जिला प्लास्टिक निस्तारण में उदाहरण बन रहा है.
  • ‘मेरी प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान से सोच बदल रही है.
  • डीएम, सीडीओ और डीपीआरओ की पहल से गांव प्लास्टिक मुक्त हो रहे हैं.

Single Use Plastic: यूपी का सोनभद्र जिला प्लास्टिक निस्तारण के मामले में एक उदाहरण बनता जा रहा है. लगातार अभियान की गति के चलते कई गांव प्लास्टिक मुक्त हो रहे हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण, पशु और भविष्य के लिए बड़ा खतरा है. लेकिन सोनभद्र ने ‘मेरी प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान के तहत एक बड़ा कदम उठाया है. डीएम बी.एन. सिंह, सीडीओ जागृति अवस्थी और डीपीआरओ नमिता शरण की पहल से गांवों में यह अभियान तेजी से फैल रहा है. यह सिर्फ सफाई का अभियान नहीं है, बल्कि एक सोच का बदलाव है. अगर हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे, तो प्लास्टिक मुक्त जिला बनाना संभव है.

यह अभियान बहुत जरूरी
डीएम बी.एन. सिंह ने बताया कि सोनभद्र की प्राकृतिक सुंदरता और यहां की भौगोलिक स्थिति बहुत मनमोहक है. लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. यह जंगलों में रहने वाले जानवरों और किसानों के पशुओं को भी नुकसान पहुंचाता है. इसलिए यह अभियान बहुत जरूरी है. प्लास्टिक जमीन की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचा रही है. इस अभियान के तहत गांवों से प्लास्टिक कचरे को उठाकर बड़े उद्योगों को भेजा जा रहा है, जिससे 02 रुपए प्रति किलो के हिसाब से धन मिल रहा है, जो गांव के विकास में काम आ रहा है.

प्लास्टिक को खुले में फेंकना बंद करें
मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी ने कहा कि लोग पॉलीथिन और प्लास्टिक को खुले में फेंकना बंद करें और इन्हें कचरा वाहन को सौंपें. हर घर के बाहर एक बोरी टांगकर उसमें प्लास्टिक इकठ्ठा की जा रही है. कुछ गांवों में ग्राम प्रधान खुद टोटो से प्लास्टिक इकठ्ठा कर रहे हैं, जिससे स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और गांव में विकास का काम हो रहा है.

हवा और सेहत दोनों के लिए नुकसान
डीपीआरओ नमिता शरण ने बताया कि प्लास्टिक को जलाने से यह ज़हरीली गैसें छोड़ता है, जो हवा और सेहत दोनों के लिए नुकसानदेह हैं. इसलिए सही निस्तारण बेहद ज़रूरी है. खुले में फेंका गया प्लास्टिक जानवरों के लिए जहर है. अभियान का उद्देश्य सिर्फ कचरा हटाना नहीं, बल्कि सोच में स्थायी परिवर्तन लाना है. ‘मेरी प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी’ एक सामाजिक संकल्प है. आइए, हम सब मिलकर इसे अपनी आदत बनाएं और सोनभद्र को एक प्लास्टिक मुक्त उदाहरण बनाएं.

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