Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

Snacks Corner: अम्बिकापुर के मनोज चना सेंटर में 32 साल से चना बेचने का कारोबार चल रहा है. मनोज के यहां जड़ी वाले चना, जड़ी मुंग, फलली दाना आदि की वैरायटी मिलती है. गर्मी में जड़ी वाला चना ठंडक देता है.

X

Snacks Corner: बेटे ने संभाला पिता का कारोबार, जड़ी वाले चने और मूंग की शहर में बढ़ी डिमांड, रोजाना 5000 तक की बिक्री

मनोज स्प्राउट 

हाइलाइट्स

  • मनोज चना सेंटर में 32 साल से चल रहा है चना कारोबार
  • गर्मी में ठंडक देता है जड़ी वाला चना
  • रोजाना 3000-4000 की बिक्री, 1000 रूपए मुनाफा

अंबिकापुर. अगर आप गर्मी के दिनों में अपने शरीर को ठंडा रखना चाहते हैं तो जड़ी वाले चने खाईए और जड़ी वाले मूंग. हम बात कर रहे हैं अम्बिकापुर के कोतवाली स्थित मनोज चना सेंटर कि जहां चने की  तमाम वैरायटियों का स्वाद लोग शाम के वक्त चखने आते हैं और भरपूर स्वादिष्ट चना लोगों को खूब पसंद आता है. युवक अपने पिता के साथ लगभग 32-33 वर्ष चना बेचने के बाद अब खुद चना बेचकर रोजाना 3000 से 4000 हजार की बिक्री में 1000 रूपए मुनाफा कमाता है. इससे उसकी जिंदगी दिन दोगुनी रात चौगुनी हो गई है. आईए जानते हैं अम्बिकापुर के फेमस चना के बारे में कि आखिर इनके यहां कौन कौन सी किस्म के चने मिलते हैं.

पिता के साथ हुई चना बेचने की शुरुआत 
चना वाले मनोज ने लोकल 18 की टीम को बताया कि तकरीबन 32 साल से उनके पिता चना बेचते थे. उस वक्त मनोज उनके साथ हाथ बंटाता था, फिर मनोज ने उनके पिता का कमान 1996 में संभाला और चना बेचकर अपना जीवन यापन कर रहा है. मनोज के यहां जड़ी वाले चना, जड़ी मुंग,फलली दाना, उबला फलली, मटर,फलली नमकीन मिक्सचर,सेव और तमाम वैरायटियों का स्वाद मिलता है. वह लोगों को उनके मन मुताबिक चना बनाकर खिलाते हैं.

एक नहीं, नाश्ते के लिए कई सारी किस्म मौजूद 
वहीं इन दिनों गर्मी का सीज़न चल रहा है ऐसे में लोगों को जड़ी वाले चना ज्यादा पसंद है. गर्मी के दिनों में यह जड़ी वाला चना शरीर में ठंडक लाता है और फायदेमंद है. ऐसे में मनोज के यहां ड्राई , स्प्राउट ,सूखा मन मुताबिक जैसा इच्छा वैसा चना मिलता है. इसका स्वाद लेने के लिए अम्बिकापुर शहर के लोग ज्यादातर शाम के वक्त आते हैं.

1996 से पिता के कारोबार को संभाल रहा मनोज 
मनोज का बचपन उनके पिता के साथ चना बेचकर गुजरा, लगभग 32 से 34 वर्षों तक उनके पिताजी ने  चना बेचा. जब निगम वाले चना दुकान को हटवाते थें तब कंपनी बाजार की तरफ़ स्टॉल लगाते थे, लगभग कोतवाली क्षेत्र के सभी इलाकों में चना दुकान उन्होंने चलाया और अब 1996 से पिता के कारोबार को बेटा संभाल रहा है. इससे जिन्दगी में बदलाव के साथ कमाई में इजाफा हो रहा है और शहर का एकलौता फेमस चना सेंटर है जहां तमाम प्रकार का चना मिलता है.

homelifestyle

अंबिकापुर का फेमस चना कॉर्नर, 28 सालों से विरासत संभाल रहा मनोज

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment