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Jhansi News : झांसी और बुंदेलखंड में भीषण गर्मी के बावजूद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड्स अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. गौरतलब है कि झांसी में तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. हालांकि गार्ड्स…और पढ़ें

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Special Story : साहब! गर्मी नहीं, ड्यूटी है जरूरी… बस मेहनत के बराबर मिले सैलरी, बोले- BU के गार्ड्स

गर्मी में ड्यूटी करते गार्ड 

हाइलाइट्स

  • झांसी में तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा.
  • सुरक्षा गार्ड्स कड़ी धूप में भी ड्यूटी निभा रहे हैं.
  • गार्ड्स उचित तनख्वाह की कमी महसूस कर रहे हैं.

झांसी: झांसी और पूरे बुंदेलखंड में इन दिनों भीषण गर्मी का कहर जारी है. सुबह से ही प्रचंड गर्मी लोगों को झुलसा रही है. ऐसा लगता है जैसे आसमान से आग बरस रही हो. इस भीषण गर्मी और उमस में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को झांसी में अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है. वहीं, आज झांसी समेत यूपी के 27 जिलों में लू का अलर्ट जारी है.

45 डिग्री तापमान, धधकती जमीन और आग उगलता आसमान. इस माहौल में अधिकतर लोग कोशिश करते हैं कि वे घर या ऑफिस में ही रहें, किसी ऐसी जगह पर रहें जहां ठंडक मिलती रहे. लेकिन, इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कड़कती धूप में काम करते रहते हैं. इनमें से एक ग्रुप है सुरक्षा गार्ड्स का. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के मेन गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड से हमने बात की और उनके जीवन के बारे में जानने का प्रयास किया.

हर दिन धूप में करते हैं कड़ी मेहनत
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में कुल 85 गार्ड तैनात हैं जो अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं. ये गार्ड दिन-रात विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सेवाएं देते हैं. मुख्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि तापमान कितना भी बढ़ जाए, हमें अपनी ड्यूटी करनी होती है. हम अपनी तैयारी घर से ही करके आते हैं. दिन भर पानी पीते रहते हैं जिससे लू ना लगे. सिर को ढक कर रखते हैं जिससे गर्मी ना लगे. लेकिन, ड्यूटी से पीछे नहीं हटते हैं.

बस इतनी मिले तनख्वाह 
वीरेंद्र कुमार के अनुसार, सभी गार्ड ऐसे ही मेहनत करते हैं. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि अधिकतर गार्ड पूर्व सैनिक रहे हैं. जब भी गर्मी ज्यादा लगती है तो हम 1999 में हुए कारगिल युद्ध को याद कर लेते हैं. उस समय हमारी तैनाती राजस्थान बॉर्डर पर थी. उस समय जून के महीने में भारी सामान लेकर दिन भर ड्यूटी करते थे. लेकिन, कभी हार नहीं मानी. हम उस दिन को ही याद करके खुद को मोटिवेट रखते हैं. बस, इतनी मेहनत के बराबर ही अगर तनख्वाह मिले तो थोड़ा सुकून मिले.

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साहब! गर्मी नहीं, ड्यूटी है जरूरी… बस मेहनत के बराबर मिले सैलरी

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