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फिल्म निर्देशक पा. रंजीत साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काफी मशहूर हैं. इस बार उन्होंने ‘थंगलान’ के जरिए दर्शकों को कुछ अलग दिखाने की कोशिश की है. हालांकि, उनकी यह फिल्म तमिल भाषा में 15 अगस्त 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में भी सफल रही थी. अब इसे 6 सितंबर को हिंदी भाषा में रिलीज किया गया है. फिल्म में दिग्गज अभिनेता विक्रम मुख्य भूमिका में हैं और उनके साथ पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहनन और डेनियल कैल्टागिरोन भी अहम भूमिकाओं में हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसी है फिल्म ‘थंगलान’.
सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की. ऐसा दावा किया गया है यह कहानी कोलार गोल्ड फील्ड (KGF) की असली कहानी से प्रेरित है. कहानी 1850 से शुरू होती है, जहां ब्रिटिश राज में अंग्रेजों की एक टीम को सोने की खदानों की तलाश है. ये वो खदान थे जिनसे टीपू सुल्तान और चोल राजा सोना निकाला करते थे. उत्तरी अर्काट के वेप्पुर गांव में थंगलान (विक्रम) अपनी पत्नी गंगम्मा (पार्वती थिरुवोथु) और अपने बच्चों के साथ रहता है. गांव के मुखिया और एक जमींदार के रूप में वह अपने साथी ग्रामीणों के विपरीत बहुत सम्मानित है, जो जमींदार की जमीन पर बंधुआ मजदूर है.
थंगलान अक्सर अपने बच्चों को सोते समय कहानियां सुनाता है, और एक रात वह अपने बच्चों को अपने परदादा की कहानी सुनाता है. वह बताता है कि थंगलान के परदादा कादयान पोन्नार नदी की रेत से सोना निकालने में माहिर थे. जब एक वो अपने साथियों के साथ नदी से सोना निकाल रहे थो, तो उसी वक्त वहां के राजा की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने अपने सैनिकों को उन्हें गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन ऐसा हो न पाया क्योंकि कादयान काफी शक्तिशाली व्यक्ति था. उसे सारे सैनिकों को मार गिराया. इसी बीच एक की नजर साने की चटानों पर पड़ी और उसने राजा को बताया.
हालांकि कादयान ने राजा सचेत किया वह उस चटानों के नजदीक भी जाने की कोशिश न करें, क्योंकि सोने वाले उन चटानों की रक्षा नागर जनजाति की एक महिला आरती (मालविका मोहनन) करती है, जो एक जादूगरनी है, जो घने जंगलों की रक्षा भी करती है. लेकिन राजा कादयान की बात नहीं मानता है और वो अपने सौनिकों को सोने के चटानों की तरफ जाने को कहता है. जैसे ही सैनिक चट्टान की ओर बढ़ते हैं, सांपों का एक झुंड उन पर हमला कर देता है.
यहां राजा को कादयान सांपों से बचाता है और आरती से अकेले भिड़ जाता है और उसे बंधक बना देता है. राजा उससे काफी प्रभावित होता है, लेकिन जैसे ही राजा सोने के चटानों से कुछ पत्थर उठाता है तो वह मिट्टी बन जाता है. अब आप सोच रहे होंगे ये तो थंगलान के परदादा की कहानी है, तो इसमें थंगलान का क्या रोल है? और उसकी क्या कहानी? ये सब जानने के लिए आपको पूरी फिल्म थिएटर में जाकर देखनी होगी. फिल्म की कहानी बहुत अलग तरह की है, जो दर्शकों बसंद आएगा.
वहीं, फिल्म में कुछ कमियां भी हैं. फिल्म की रफ्तार फर्स्ट हाफ में काफी धीमी हो जाती है, जिससे आपको थोड़ी बोरियत महसूस होगी. वहीं सेकंड पार्ट में आपको काफी मजा आएगा. वैसे मेकर्स चाहते तो इसे 2 घंटे में खत्म कर सकते थे. लगभग साउथ की अच्छी फिल्मों में हिंदी दर्शकों के लिए गाने भी अच्छे बनाए गए, वो कमी आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगी. ऐसा लगता है कि फिल्म के गाने को हूबहू डब कर दिया गया है. निर्माता चाहते तो इस पर काम कर सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे महत्व देना उचित नहीं समझा.
वैसे एक्टिंग की बात की जाए तो विक्रम सहित पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहनन, डैनियल कैल्टागिरोन व तमाम सितारों ने अपने-अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है. अभिनय में किसी में भी कोई कमी नजर नहीं आती. पा. रंजीत का निर्देशन भी जबरदस्त है. फिल्म के सीन को इस तरह फिल्माया गया है, जो आपको काफी पसंद भी आएगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो आपक एक बार इस फिल्म को अपने पूरे परिवार के साथ हिंदी में देख सकते हैं. मेरी ओर से फिल्म को 3 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Film review, South Film Industry
FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 15:11 IST
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