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The Kerala Story Movie Review: धर्म-परिवर्तन कोई नया मुद्दा नहीं है और कई कहान‍ियों में इस बात को पहले भी द‍िखाया जा चुका है. कभी धर्म में छुपे शोषण ने लोगों को धर्म-परिवर्तन के लिए मजबूर किया है, तो कभी जबरन भी धर्म-परिवर्तन की घटनाएं लगताार सामने आती रही हैं. बीते कुछ बरसों में प्यार के चलते मजबूर कर धर्म-परिवर्तन के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं, जिसे ‘लव जिहाद’ का नाम द‍िया गया है. लेकिन साल 2016-18 में केरल में ऐसे हैरान करने वाले कई मामले सामने आए, जिनमें लड़कियों को किसी न किसी वजह से इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस के लिए तैयार किया गया. सुदीप्तो सेन की ‘द केरल स्टोरी’ केरल में घटी ऐसी ही ही सच्ची घटना पर आधारित कहानी है. फिल्म में दिखाया गया है कि केरल के एक नर्सिंग कॉलेज की लड़कियों को इस्लाम अपनाने और आईएसआईएस संगठन में शामिल होने के लिए किस तरह से ब्रेनवॉश किया गया.

‘द केरल स्टोरी’ 3 लड़कियों की कहानी है जिनकी जिंदगी आईएसआईएस के लिए काम करने वाले कुछ भारतीय मुसलमानों के हाथों बर्बाद हो गई है. फिल्म में लव जिहाद के एंगल को भी भुनाया गया है, जहां मुस्लिम लड़के 2 लड़कियों को इस्लाम अपनाने और अपने परिवारों को छोड़ने के लिए मजबूर करते हैं. शालिनी उन्नीकृष्णन (अदा शर्मा) धर्म-परिवर्तन कर फातिमा बा बन जाती हैं. फिर कई उतार-चढ़ाव का सामना करती है. कैसे इन लड़कियों को प्यार और पैसे देकर ब्रेनवॉश कर उनका विश्वास जीता गया. उन्हें कुछ तर्कों के साथ बताया गया कि इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, बाकी धर्मों के भगवान में कितनी खामियां रही हैं.

फिल्म में कई जगहों पर भगवान और अल्लाह के बीच कौन शक्तिशाली है? इस पर भ्रामक और बचकाने तर्क दिए गए हैं. आसिफा (सोनिया बलानी) जब दोजक (नर्क) और हेल फायर का लॉजिक देती है, तो अन्य किरदार शालिनी, निमाह (योगिता बिहानी), गीतांजली (सिद्धी इदनानी) जैसी नदानी भरी प्रतिक्रिया देती हैं, उससे हैरानी होती है. हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों में भी मरने के बाद का कॉन्सेप्ट- स्वर्ग, नर्क और पुनर्जन्म है. डायरेक्टर सुदीप्तो ने यहां हिंदू लड़कियों को कमजोर और भोला जबकि मुस्लिम लड़की को चालाक और इस्लाम के प्रति वफादार दिखाया गया है.

The Kerala Story Review: आधी हकीकत, आधा फसाना… जिसे हजम कर पाना थोड़ा मुश्किल है

‘द केरल स्टोरी’ में अदा शर्मा. (फोटो साभारः Instagram @adah_ki_adah)

कई जगह लगता है कि इसे बैलेंस करने की कोशिश की गई. फिल्म के एक हिस्से में साम्यवाद यानी कम्युनिज्म, जो धर्म को अफीम बताते हैं, उस पर भी चोट की गई है. कार्ल मार्क्स के सिद्धांत से लेकर रामायण और भगवान शिव पर भी सवाल उठाए गए हैं. 

असहज कर देने वाले हैं ये सींस

फिल्म में कई असहज करने वाले सींस दिखाए गए हैं. पहला सीन जब प्रेग्नेंट ने फातिमा का पति जबरदस्ती उसका रेप करता है. दूसरा फातिमा को जब एक आईएसआईएस ठिकाने पर लेकर जाते हैं, जहां पहले से ही कई महिलाएं सेक्स स्लेव के रूप में मौजूद हैं. फातिमा को भी एक सेक्स स्लेव के रूप में दिखाया जाता है और उसेक साथ कई लोग रेप करते हैं.

योगिता बिहानी का मिसिंग गर्ल मोनोलॉग

वहीं, योगिता बिहानी का एक मोनोलॉग है, जो आपका ध्यान खींचती है. योगिता ने निमाह का किरदार निभाया है. वह पुलिस स्टेशन में केरल से लापता हो रही लड़कियों पर बोलती हैं. वो खुद के ब्रेनवॉश होने के बारे में बात करती है. साथ ही मिसिंग गर्ल्स से जुड़े रियल आंकड़े और फैक्ट्स को बताती है. सत्ता में बैठे लोगों की राजनीतिक चुप्पी पर सवाल उठाती है.

‘द केरल स्टोरी’ का पोस्टर. (फोटो साभारः Instagram @adah_ki_adah)

फिल्म के किरदार पूरी तरह से निखर के सामने नहीं आ पाए. फिल्म के आखिरी तक एक दर्दनाक जर्नी को दिखाया गया है. फिल्म को रियल बनाने के चक्कर सुदीप्तो उचित बैलेंस नहीं कर पाए हैं. वह कई सींस को छोटा कर, आखिरी सींस को बेहतरीन और प्रेरित करने वाला बनाया जा सकता था. फिल्म के आखिरी में कुछ रियल विक्टिम्स की क्लिप भी दिखाई गई हैं, जो मन में थोड़ी हलचल पैदा करती है.

अदा शर्मा की अबतक की बेस्ट अदाकारी

फिल्म में अदा शर्मा की अबतक की बेस्ट एक्टिंग देखने को मिली है. इसके अलावा अन्य कलाकारों ने भी बेहतरीन अदाकारी की है. लेकिन फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक फिल्म की कहानी से मैच नहीं होता है. बैकग्राउंड स्कोर

मैनिपुलेशन

सुदीप्तो सेन एक इंडिपेंडेट फिल्ममेकर हैं. उन्होंने पहले ही इस मुद्दे पर ‘इन द नेम ऑफ लव’ नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई है. उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को थोड़ा बढ़ा-चढ़ा कर और मैनिपुलेट कर फिल्म में तब्दील किया है. उन्होंने फिल्म को बनाने में बारीकियों और मार्मिकता को समझने में चूक कर दी है. वह एक ही धर्म के प्रति जबरदस्ती की नफरत दिखा रहे हैं, जबकि कमियां और खामियां सभी धर्मों में हैं. लगता है कि वह विवेक अग्निहोत्री और ‘द कश्मीर फाइल्स’ से ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जिस तरह उन्होंने चीजों को बढ़ाकर-चढ़ाकर एक दिखाया है. उसी तरह सुदीप्तो ने ‘द केरल स्टोरी’ में दिखाया गया.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

वीरेश श्रीवलसा, बिशाख ज्योति/5

Tags: Adah Sharma, Film review, Movie review

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