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Baba Lakshman Das Samadhi: रामपुर में बाबा लक्ष्मण दास की समाधि एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जो 130 साल पुरानी है. यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है और 40 दिनों तक दीप जलाने की परंपरा है. श्रावण मास में विशेष पूजा…और पढ़ें

बाबा लक्ष्मण दास की समाधि
हाइलाइट्स
- रामपुर में बाबा लक्ष्मण दास की समाधि 130 साल पुरानी है.
- यहां 40 दिनों तक दीप जलाने की परंपरा है.
- श्रावण मास में विशेष पूजा और भंडारे होते हैं.
रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में वैसे तो के धार्मिक स्थल है जिनकी आपके मान्यताएं है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहे है वह एक समाधि है जो लोगों के लिए आस्था का एक केंद्र है. हम बात के रहे हैं रामपुर में स्थित बाबा लक्ष्मण दास की समाधि कि जो एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, यह न सिर्फ स्थानीय लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां आकर आस्था व्यक्त करते हैं. यह मंदिर खासतौर पर अपनी चमत्कारी मान्यताओं और धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है.
भक्तों की लगती है भारी भीड़
रामपुर के सराय गेट मोहल्ले में स्थित बाबा लक्ष्मण दास की समाधि करीब 130 साल पुरानी है. माना जाता है कि बाबा लक्ष्मण दास जी ने जेठ महीने की पंचमी को जीवित अवस्था में समाधि ली थी. आज भी लोग मानते हैं कि यहां उनकी दिव्य शक्ति मौजूद है. यही कारण है कि इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ हमेशा लगी रहती है. पंडित सुनील कुमार शर्मा के अनुसार, इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां 40 दिनों तक लगातार दीप जलाने की परंपरा है. मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा भाव से इस परंपरा का पालन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर हो जाती हैं.
श्रावण मास में होती है खास पूजा
श्रावण मास के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, और भक्त भंडारे भी आयोजित करते हैं. मंदिर परिसर में रोजाना जयकारे गूंजते हैं, जो आस्था और भक्ति का प्रतीक होते हैं. इसके अलावा, मंदिर में बाबा का वार्षिकोत्सव हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं. यह मंदिर शहर के रेलवे स्टेशन और रोडवेज से करीब 4.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. श्रद्धालु यहां ई-रिक्शा या चार पहिया वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं. इस मंदिर की मान्यता न केवल देश भर में बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है. बाबा लक्ष्मण दास की समाधि एक प्रतीक बन गई है, जो भक्तों को आस्था, शक्ति और शांति का अहसास कराती है.
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