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Alcohol Increase Cancer Risk: डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी कर कहा है कि शराब की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है. शराब हर तरह से कैंसर के खतरे को बढ़ाती है. इसलिए शराब की बोतल पर लेबल में लिखा होना चाहिए कि इससे कै…और पढ़ें
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अल्कोहल से कैंसर का खतरा. canva
Alcohol Increase Cancer Risk: कैंसर को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बड़ी चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों में यह चिपका होना चाहिए कि इससे कैंसर क खतरा है. डब्ल्यूएचओ पहले ही कह चुका है कि शराब की कोई भी मात्रा इंसान के लिए सुरक्षित नहीं है. यह कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा देती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों के ज्यादा सेवन को लेकर चेतावनी जारी की. इसको लेकर भारत के कुछ एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ अल्कोहल को एक विषैला और मनोवैज्ञानिक रूप से लत पैदा करने वाला पदार्थ मानता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने दशकों पहले ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया था. इसका मतलब है कि यह पदार्थ कैंसर पैदा करने के सबसे बड़े खतरों में से एक है, जैसे एस्बेस्टस, रेडिएशन और तंबाकू.
अल्कोहल म्यूटेशन को बढ़ा कैंसर को बढ़ाता है
नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के वैस्कुलर इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट और एंडोवैस्कुलर सर्जन डॉ. पुनीत गर्ग ने बताया कि अल्कोहल के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ता है और यह 20 से अधिक प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है. अल्कोहल से होने वाले आम कैंसरों में मुंह, गला, भोजन नली, पेट, बृहदान्त्र, मलाशय और अग्न्याशय के कैंसर शामिल हैं. इसके अलावा अल्कोहल महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का भी कारण बनती है. ओडिशा के भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सहायक प्रोफेसर डॉ. ताराप्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि भारत में अल्कोहल के बढ़ते सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ा है. अल्कोहल मेटाबॉलिज्म के दौरान एसिटेल्डिहाइड (एक जहरीला कंपाउड जो डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकता है) में बदल जाती है. ये डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे सेल का म्यूटेशन होने लगता है. कैंसर के विकास शुरुआता सेल के म्यूटेशन से ही होती है. अल्कोहल शरीर के आवश्यक पोषक तत्वों जैसे फॉलेट, विटामिन ए, सी, डी और ई को अवशोषित करने की क्षमता को बाधित करती है.
भारत में अल्कोहल के कारण 62 हजार कैंसर के मामले
डब्ल्यूएचओ कहता है कि अल्कोहल बहुत बड़ा कार्सिनोजेन है, जो वैश्विक स्वास्थ्य पर बड़ा असर डाल रहा है. दुनिया में 4 प्रतिशत कैंसर के मामले सिर्फ अल्कोहल के कारण आ रहे हैं.हाल ही में लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2020 में लगभग 62,100 नए कैंसर के मामले अल्कोहल के सेवन से संबंधित थे. इसके अलावा, अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने ब्रेस्ट, लिवर और पेट के कैंसर को रोकने के लिए मादक पेय पदार्थों पर कैंसर की चेतावनी देने की सिफारिश की है. इससे उपभोक्ताओं को इसके सेवन को लेकर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है और अल्कोहल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अल्कोहल का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की पहचान और उनका नाश करने की क्षमता घट जाती है. अल्कोहल का सेवन कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है, जिनमें से प्रत्येक का प्रारंभिक संकेत अलग हो सकता है.
कैंसर के लक्षण क्या हैं
मुंह में लगातार छाले, बिना किसी कारण के रक्तस्राव, गाल में गांठ या मोटा होना, निगलने में कठिनाई या गले में खराश जो ठीक नहीं होती, ये मुंह और गले के कैंसर के संकेत हो सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति को एसोफैजियल कैंसर होता है, तो उसे निगलने में कठिनाई, सीने में तकलीफ, वजन कम होना, पुरानी खांसी या स्वर बैठना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लिवर कैंसर में पेट में सूजन, पीलिया, बिना किसी कारण के वजन कम होना, भूख न लगना और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन या बगल में गांठ, स्तन के आकार में बदलाव, त्वचा में गड्ढे या निप्पल से स्राव होना शामिल हो सकते हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर का जल्दी पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि समय पर इलाज से इसके परिणामों में सुधार हो सकता है. उन्नत उपचारों के साथ, जल्दी पहचान होने पर इलाज और बचने की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं. लेकिन अगर कैंसर का पता देर से चलता है और इसे अनदेखा किया जाता है, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है. इन मेटास्टेसिस को सर्जरी और कीमोथेरेपी से निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है.
February 18, 2025, 18:11 IST
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