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मेंटल हेल्थ के महत्व पर विचार
मस्तिष्क के लिए ये योग बेहद फायदेमंद होते हैं. इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती, स्मृति और भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है. नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद कम होता है. आयुष मंत्रालय का कहना है कि योग के साथ संतुलित आहार और अच्छी नींद मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती है.
स्वस्थ मस्तिष्क के लिए संतुलित आहार और नींद बेहद जरूरी है. योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से प्रभावी हैं. आयुष मंत्रालय ने मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ खास योगासनों की सलाह दी है, इनमें पश्चिमोत्तानासन, हलासन, सर्वांगासन, सेतु बंधासन के साथ ही भ्रामरी भी शामिल है.
पश्चिमोत्तानासन में बैठकर पैरों की ओर झुकते हैं, जिससे रीढ़ और मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है. यह तनाव और चिंता को कम करता है, साथ ही मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है. इसे 1-2 मिनट तक करना चाहिए.
सेतु बंधासन के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है. यह मस्तिष्क में रक्त संचार को बेहतर करता है और थकान दूर करता है. इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक करना चाहिए. सेतु बंधासन के बाद सर्वांगासन का नंबर आता है, कंधों के बल शरीर को ऊपर उठाने वाला यह आसन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, जिससे मेमोरी और एकाग्रता में सुधार होता है. इसे 1-2 मिनट तक करें, लेकिन सावधानी के साथ करना चाहिए. हलासन में पैरों को सिर के पीछे ले जाना होता है.
यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और मानसिक तनाव कम करता है. इसे 30 सेकंड से शुरू करना चाहिए. योगासन के साथ ही प्राणायाम भी हैं, जिसमें भ्रामरी भी हैं, यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव कम करता है. इसमें गहरी सांस लेकर हल्की आवाज निकाली जाती है. यह ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है. इसे 5-10 मिनट तक करना चाहिए.
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