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दिल्ली से केरल जाना हो तो फ्लाइट से साढ़े 3 घंटे में पहुंच जाएंगे, ट्रेन से 2-3 दिन में पहुंचेंगे. बच्चों को स्कूल जाना हो तो बस है, ऑफिस जाने के लिए कई किलोमीटर की दूरी मेट्रो कुछ मिनटों में कवर कर लेती है. यह सब पब्लिक ट्रांसपोर्ट है जिसने आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाया है. यह समय की बचत करने के साथ-साथ पॉकेट फ्रेंडली और इकोफ्रेंडली भी है. 10 नवंबर को World Public Transport Day के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर पलटते हैं इतिहास के पन्ने और जानते हैं कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ख्याल किसे आया?
5500 साल पहले बने पहिए ने बदला इतिहास
परिवहन हमारी जिंदगी का बहुत अहम हिस्सा है. आज हम चांद और अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन के जरिए ही पहुंच रहे हैं. इंसानों का इससे 5 हजार साल पहले ही रिश्ता जुड़ गया था. पहले के जमाने में लोग अपने पैरों से चलकर कई किलोमीटर की दूरी तरह करते थे. उसके बाद घोड़े इस्तेमाल होने लगे लेकिन ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में पहिए के आविष्कार के बाद क्रांति आ गई. लगभग 5,500 साल पहले पहिया बनाया गया. इतिहासकार अमरजीव लोचन मानते हैं कि इसे मेसोपोटामिया में ( जो अब इराक कहलाता है) में बनाया गया. वहां के लोगों ने लकड़ी से गोल डिस्कनुमा पहिया बनाया. इससे पहले इसका इस्तेमाल केवल मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए किया जाता था. धीरे-धीरे लोगों ने अपने घरेलू कामों के लिए पहिए को जानवरों से बांधना शुरू किया. इस तरह बैलगाड़ी बनी.
पानी पर शुरू हुआ परिवहन!
माना जाता है कि दुनिया में सबसे पहले पानी पर परिवहन सेवा शुरू हुआ. इसे फेरी कहते हैं. यह एक तरह की वॉटर टैक्सी या वॉटर बस होती है. यूनान की पौराणिक कथाओं में भी फेरी का जिक्र मिलता है. इसके जरिए लोगों को नदी एक किनारे से दूसरे किनारे पर ले जाया जाता था. प्राचीन मिस्र में भी नहरों के ऊपर फेरी चलती थीं. 5वीं शताब्दी में चीन ने भी नहरें बनाईं और उस पर फेरी चलानी शुरू की.

हॉट एयर बैलून भी परिवहन का हिस्सा बने. इससे कम दूरी की यात्रा की जाती थी. (Image-Canva)
पेरिस में शुरू हुआ पब्लिक ट्रांसपोर्ट
दुनिया में सबसे पहला मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट 1662 में पेरिस में शुरू हुआ. इसे फ्रेंच वैज्ञानिक, मैथमेटिशियन और फिलोसोफर ब्लेज पास्कल ने शुरू किया. इसे Carrosses a cinq sols नाम दिया गया. यह एक बैलगाड़ी थी जिसमें 8 लोग एक समय पर बैठ सकते थे. यह सर्विस साढ़े 7 मिनट के अंतराल में चलती थी. यह सेवा 15 साल तक ही चली. वहीं, पहली पब्लिक बस लंदन में 1829 में शुरू की गई.
भारत में पालकी और बग्गी
शुरुआती दौर में भारत में परिवहन का इस्तेमाल केवल राजघराने के लोग करते थे. रानियां पालकी में और राजा बग्गी में चलते थे. आम जनता और ग्रामीण क्षेत्रों में बैलगाड़ी ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट था. भारत में पहली बार पब्लिक के लिए बस 15 जुलाई 1926 में मुंबई में चली. इसे बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट यानी BEST ने शुरू किया. तब इस बस का किराया 4 आने था. लोगों की भीड़ को देखते हुए 1937 में डबल डेकर बस की शुरुआत हुई.
ट्रेन ने की समय की बचत
दुनिया का पहला ट्रेन भाप इंजन 1804 में ब्रिटिश इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने बनाया था. सबसे पहले ट्रेन का इस्तेमाल माल ढोने के लिए किया गया लेकिन 27 सितंबर 1825 में इंग्लैंड में पहली बार पैसेंजर ट्रेन शुरू हुई. इसमें 450 यात्री एक साथ 24 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकते थे. भारत में सबसे पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में मुंबई से ठाणे तक चलाई गई. यह स्टीम इंजन ट्रेन थी जो 34 घंटे की दूरी तय करती थी. इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार करने वाले थॉमस अल्वा एडिसन ने 1880 में इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल किया.

मेसोपोटामिया में सबसे पहले सड़कें बनाई गईं. (Image-Canva)
स्पेस में पब्लिक
अब तक लोग हवाई यात्रा करके ही आसमान की सैर कर पाते थे लेकिन अब आम जनता अंतरिक्ष की सैर भी कर सकती है. इसके लिए उन्हें वैज्ञानिक या एस्ट्रोनॉट बनने की जरूरत नहीं है. वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) नाम की कंपनी ने अंतरिक्ष में सब ऑर्बिटल उड़ानों के लिए स्पेसशिप बनाया है. इस स्पेस फ्लाइट की टिकट 2 करोड़ रुपए से शुरू होती है. अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने ब्लू ऑरिजिन नाम की कंपनी बनाई जो लोगों को 3 करोड़ में अंतरिक्ष की यात्रा करा सकती है.
पर्यावरण को बचाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते अब दुनियाभर की सरकारें लोगों से प्राइवेट कार या बाइक का इस्तेमाल नहीं करने को कह रही हैं. लगातार शहरों में बढ़ रही गाड़ियों की संख्या, जाम और प्रदूषण सिरदर्द बन गया है. ऐसे में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में रूचि बढ़ाए, कई देशों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री कर दिया है. लक्समबर्ग दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां 2020 से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करने के लिए किराया नहीं देना पड़ता. माल्टा ने 2022 में फ्री पब्लिक परिवहन सेवाएं देने की शुरुआत की. स्पेन में ट्रेन से यात्रा करना फ्री है. इसी तरह फिनलैंड, बुल्गारिया और ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं मुफ्त हैं. सार्वजनिक परिवहन में चलने से सेहत भी दुरुस्त रहती है. आज लोगों को कार या बाइक से चलने की आदत हो गई है. घर के पास बाजार जाने के लिए भी निजी वाहन इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अगर लोग सार्वजनिक वाहन से चलेंगे तो उनकी वॉक होती रहेगी. वह एक्टिव रहेंगे और उन्हें अलग से वर्कआउट के लिए समय निकालने के भी जरूरत नहीं होगी.
Tags: AC Trains, Bus Services, Flight services, Metro facility, Modern Train, Public Transportation, Transport department
FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 13:16 IST
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