[ad_1]
Last Updated:
योग थायरॉयड हेल्थ के लिए फायदेमंद है. सलम्बा सर्वांगासन और हलासन थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन को सुधारने में मदद करते हैं. नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है.

इन पोज़ को नियमित रूप से करने से आपके थायरॉयड ग्रंथि के आसपास रक्त प्रवाह बेहतर हो सकता है.
हाइलाइट्स
- सलम्बा सर्वांगासन थायरॉयड के लिए फायदेमंद है.
- हलासन थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन को सुधारता है.
- योग थायरॉयड हेल्थ के लिए पूरक चिकित्सा है.
Yoga For Thyroid Health: योग के फायदों के बारे में तो हम आप सभी जानते हैं. यह न केवल शरीर को लचीला और मस्तिष्क को शांत करता है, बल्कि तनाव को कम करने और कई बीमारियों से बचाने में भी हमारी मदद करता है. हेल्थलाइन के मुताबिक, थायरॉयड के लिए, योग को एक पूरक चिकित्सा के रूप में देखा जाता है जो थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन को सुधारने में मदद कर सकता है. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि योग थायरॉयड इंबैलेंस को ठीक करने का इलाज नहीं कर सकता. अगरआप ये दो योग रोजाना करें तो ये थायरॉयड की सेहत बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं थायरॉयड हेल्थ को बेहतर करने वाले दो योगाभ्यास के बारे में.
थायरॉयड हेल्थ को बेहतर रखने के लिए करें ये 2 योगाभ्यास-
1.सलम्बा सर्वांगासन (Supported Shoulderstand)
यह पोज़ थायरॉयड के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. यह एक इनवर्जन पोज़ है, जिसमें शरीर उल्टा होता है, और यह थायरॉयड ग्रंथि में रक्त प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है.
इसे करने का तरीका:
-कंधों के नीचे एक तौलिया या ब्लैंकेट रखें.
-पीठ के बल लेट जाएं और हाथ शरीर के बगल में रखें.
-हथेलियों को नीचे की ओर दबाएं और सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं.
-धीरे-धीरे पैरों को सिर के ऊपर की ओर ले जाएं.
-हाथों को कमर के नीचे रखें और शरीर को सहारा दें.
-पैरों को सीधा ऊपर की ओर करें.
-ठुड्डी को सीने के पास रखें और गर्दन को स्थिर रखें.
-वापस आने के लिए धीरे-धीरे पैरों को सिर के ऊपर लाएं और फिर फर्श पर रखें.
इस आसन को करते समय गर्दन का खास ख्याल रखें. किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर इसे तुरंत रोक दें. यह आसन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए इसे प्रशिक्षित शिक्षक के साथ ही सीखें.
2.हलासन (Plow Pose)–
हलासन यानी प्लो पोज़ भी थायरॉयड के लिए लाभकारी मानी जाती है. यह शोल्डरस्टैंड से आसान है और गर्दन पर समान रूप से प्रभाव डालती है.
इसे करने का तरीका:
-पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के पास रखें.
-सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं.
-धीरे-धीरे पैरों को सिर के ऊपर की ओर ले जाएं.
-यदि पैर जमीन तक न पहुंचे, तो उन्हें सहारा देने के लिए ब्लॉक या तकिया का उपयोग करें.
-हाथों को कमर पर रखें या शरीर के पास रखें.
-वापस आने के लिए धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और फिर नीचे लाएं.
-यदि इस पोज़ में असुविधा हो, तो इसे सहारे के साथ करें.
थायरॉयड के लिए योग का महत्व-
थायरॉयड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो आपके शरीर की मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है. इन योगों को नियमित रूप से करने से आपके थायरॉयड ग्रंथि के आसपास रक्त प्रवाह बेहतर हो सकता है. हालांकि, योग थायरॉयड का इलाज नहीं है, लेकिन यह तनाव को कम कर सकता है, जो अक्सर थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है. बेहतर परिणाम के लिए योग को अपनी नियमित दवाओं और चिकित्सा के साथ एक पूरक के रूप में अपनाएं.
[ad_2]
Source link