[ad_1]
Last Updated:
Yoga Tips : योग में शांभवी मुद्रा तनाव कम करती है और नींद सुधारती है. इससे सेरोटोनिन और डोपामाइन हार्मोन्स बढ़ते हैं, जिससे डिप्रेशन कम होता है. इसे सोने से पहले और सुबह करना लाभकारी है.

शांभवी मुद्रा के स्वास्थ्य लाभ और अभ्यास विधि.
हाइलाइट्स
- शांभवी मुद्रा तनाव कम करती है और नींद सुधारती है.
- इस मुद्रा से सेरोटोनिन और डोपामाइन हार्मोन्स बढ़ते हैं.
- रात में सोने से पहले और सुबह करना लाभकारी है.
सदियों से चली आ रही योग क्रियाओं की वजह से ऋषि मुनि तपस्वियों ने लंबी आयु और स्वस्थ जीवन व्यतीत किया. पूर्व में इलाज की अधिकता ना होने के समय पर इन योग क्रियाओं के माध्यम से ही लोगों का इलाज किया जाता था. शिव सर्वोदय ग्रंथ में भोलेनाथ ने माता पार्वती को योग और योग क्रियाओं से होने वाले ज्योतिषीय लाभ के बारे में बताया था.
अक्सर लोगों में ऑफिस और व्यापार में कार्य की अधिकता से तनाव की स्थिति आ जाती है. ऐसे लोग शराब, सिगरेट या किसी अन्य निकोटीनयुक्त पदार्थ का सेवन करने लगते हैं. उनका स्वाभाव भी धीरे धीरे चिढ़चिढ़ा और गुस्सैल हो जाता है. परिवार में लोगों के साथ उनके संबंध धीरे धीरे खराब होने लगते हैं. नींद और डिप्रेशन की समस्या से बचने के लिये मोबाइल और लैपटॉप आदि गेजेट्स का सहारा लेने लगते हैं. इन सभी समायाओं का सामना हम अपनी जीवनशैली में सुधार करके भी कर सकते हैं. इसके लिये हमें शांभवी योग मुद्रा का सहारा लेना चाहिये. यह मुद्रा 5-10 मिनट का निरंतर अभ्यास से हमें इससे मुक्त कर सकती है.
शांभवी मुद्रा के लाभ : शांभवी मुद्रा हमारे नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है. इससे हमारी नींद में आ रही दिक्कत दूर हो जाती है. जिन लोगों को अनित्र और टेंशन की समस्या होती है वे लोग इस मुद्रा को कर सकते हैं इससे उन्हें अति शीघ्र लाभ महसूस होगा. इस योग मुद्रा को करने से हमारा मन संतुलित रहेगा. इस मुद्रा को करने से दैनिक क्रियाओं से थकान नहीं होती है. शांभवी मुद्रा से हमारे शरीर में डिप्रेशन और नींद को कंट्रोल करने वाले हारमोंस की संख्या बढ़ जाती है. किसी व्यक्ति को डिप्रेशन या अनित्र की समस्या रहती है तो उन्हें इस मुद्रा का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए. छात्रों को भी इस मुद्रा के करने से पढ़ाई में मन लगने लगता है.
कैसे करें अभ्यास : शांभवी मुद्रा का अभ्यास करने के लिए पीठ को सीधा करके पैरों को क्रॉस करके योग मुद्रा में बैठे. अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें एवं जीभ को तालुका से लगाएं. दोनों आंखों से अपनी आईब्रो पर देखें और इसे लगातार 5 से 10 मिनट तक निरंतर अभ्यास करके देखते रहैं. इसके बाद अपनी जीभ और आंखों को नॉर्मल अवस्था में लेकर आए.
किस वक्त करें यह मुद्रा : शांभवी मुद्रा को करने के लिए सबसे बेहतर समय रात्रि में सोने से पहले एवं सुबह उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर करने का है. इससे आपको बेहतर परिणाम हासिल होंगे.
[ad_2]
Source link