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आगरा के 14 वर्षीय अजान हुसैन ने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग यूट्यूब से लेकर स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है. आर्थिक तंगी और पिता की बीमारी के बावजूद उसने हार नहीं मानी. स्कूल ट्रेनिंग और खुद की मेहनत से छह मेडल जीत…और पढ़ें

अजान का परिवार
हाइलाइट्स
- 14 वर्षीय अजान हुसैन ने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग यूट्यूब से ली.
- अब अजान ने स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है.
- आर्थिक तंगी और पिता की बीमारी के बावजूद उसने हार नहीं मानी.
आगरा: जज्बे की कोई उम्र नहीं होती. इस कहावत को आगरा के 14 साल के अजान हुसैन ने सच साबित कर दिखाया है. कोई महंगी कोचिंग नहीं, कोई स्पोर्ट्स अकादमी नहीं, सिर्फ यूट्यूब वीडियो, स्कूल की ट्रेनिंग और खुद पर भरोसे के दम पर आज अजान स्टेट लेवल ताइक्वांडो चैम्पियन बन चुका है.
अजान ने नहीं हारी हिम्मत
अजान का परिवार बेहद साधारण है. पिता सरीफुद्दीन प्राइवेट नौकरी करते थे लेकिन दो साल पहले पैरालिसिस का अटैक आया और वो बेड पर आ गए. मां रजिया अब पूरे घर का बोझ उठाती हैं. दो बड़ी बहनें (अर्शी और निखत) पढ़ाई के साथ घर संभालती हैं. ऐसे माहौल में अजान ने न केवल पढ़ाई जारी रखी बल्कि खेल में भी खुद को साबित किया.
दीवार पर पंच मारते-मारते सीखा ताइक्वांडो
रजिया बताती हैं कि अजान को बचपन से ही बॉक्सिंग और ताइक्वांडो का शौक था. जब कोचिंग नहीं जा सकते थे, तो यूट्यूब का सहारा लिया. घर की दीवारें पंचिंग बैग बन गईं. स्कूल में मिलने वाली ट्रेनिंग को गंभीरता से लिया और दिन-रात मेहनत करता रहा.
मेडल की लगा दी झड़ी
अजान ने अब तक 6 मेडल जीते हैं
स्कूल लेवल पर ब्रॉन्ज मेडल
वेस्ट जोन लेवल पर गोल्ड मेडल (2023)
स्टेट लेवल (लखनऊ) में गोल्ड मेडल
ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने का सपना
लोकल 18 से बातचीत में अजान ने कहा कि हमारा सपना है कि हम एक दिन भारत के लिए ओलंपिक में खेलूं और गोल्ड मेडल लाऊं. वह यूट्यूब से नई तकनीकें सीखता है, वीडियो देखता है और खुद को रोज़ बेहतर बनाता है.
यही है असली हीरो
अजान की कहानी सिर्फ आगरा की नहीं, बल्कि उन लाखों बच्चों की आवाज़ है जो सुविधाओं के बिना भी अपने सपने देखना और उन्हें पूरा करना नहीं छोड़ते. ऐसी कहानियां बताती हैं कि अगर हौसले हों तो हालात कभी रुकावट नहीं बनते.
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