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पीलीभीत : लंबे समय तक परिस्थितियां सामान्य रहने के बाद पीलीभीत ने एक बार फिर से इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. पीलीभीत के अलग-अलग इलाके में बाघ और तेंदुए ने खेतों के बीच डेरा जमाया हुआ है. वहीं इन दिनों गन्ने की कटाई का सीजन होने के चलते कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं.दरअसल, इन दिनों चीनी मिलों का पेराई सत्र चल रहा है. ऐसे में गन्ने के खेत कटाई के चलते ख़ाली होते जा रहे हैं. जो वन्यजीव लंबे अरसे से गन्ने के खेतों में अपना डेरा जमाए थे अब कटाई के चलते उनका आमना-सामना किसानों से हो रहा है.
पीलीभीत में दो अलग-अलग इलाकों में बाघ और तेंदुए की चहलकदमी खेतों में देखी जा रही है. गुरुवार सुबह गजरौला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नागफन गांव के किसान जब खेत पर काम करने गए थे. इसी दौरान उन्हें खेत में पशु के अवशेष पड़े मिले. पूरे मामले की सूचना वन विभाग को दी गई, तस्दीक करने पर वन विभाग की टीम को मौके से तेंदुए के पगमार्क मिले. फिलहाल इलाके में निगरानी बढ़ा कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पीलीभीत से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंडरी गांव में ग्रामीणों का आमना सामना गन्ने के खेत में बैठे बाघ से हुआ. ग्रामीणों ने पूरे मामले की सूचना नजदीकी बीट अधिकारी को दी.
खेतों में बाघ से दहशत का माहौल
इस बात को नहीं नकारा जा सकता पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बढ़ती बाघों की संख्या के बीच कई बाघ और तेंदुए जंगल से बाहर सीमावर्ती गांवों के खेतों को अपना ठिकाना बना लेते हैं. आमतौर पर तो ग्रामीणों का आमना सामना इन वन्यजीवों से नहीं होता. लेकिन फसल की कटाई के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष की आशंका बढ़ जाती है. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि वन्यजीवों की मौजूदगी की बात संज्ञान में आने के बाद निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. वहीं किसानों से भी सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.
FIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 19:25 IST
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