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धरोहर: मथुरा से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर स्थित है गांव अडिंग, यहां अंग्रेजों जमाने का पुलिस स्टेशन आज भी बना हुआ है. 1857 की विद्रोह की ज्वाला उठने के बाद आंदोलनकरियों को इसी थाने में बंद किया करते थे.

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मथुरा में ब्रिटिश सरकार की आज भी आपको ऐसी बिल्डिंग में मिल जाएगी. 

यहां अंग्रेजों जमाने का पुलिस स्टेशन आज भी बना हुआ है. 

उत्तर प्रदेश के मथुरा में आज भी ऐसी धरोहर मौजूद हैं. जो इतिहास को दर्शाती हैं. मथुरा में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाई गई इमारतें, रेलवे पुल, सड़क मार्ग और पुलिस स्टेशन यह सभी धरोहर आज भी ब्रज में संजोकर रखी गई हैं. 1857 की क्रांति का बिगुल यही से फूंका गया था. अंग्रेजी जमाने का पुलिस स्टेशन जिले का एकमात्र ऐसा स्टेशन था. जो यही सभी जगह के विद्रोही कर्ताओं को पकड़ कर बंद किया जाता था.

भारत में अंग्रेज जल मार्ग से आए. उन्होंने धीरे-धीरे यहां अपने पर व्यापार के माध्यम से जमाना शुरू किया. जैसे-जैसे अंग्रेजो की तादाद बढ़ती चली गई, तो भारत के लोगों को उन्होंने अपना शिकार बनाया. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप रूप और फूट डालकर शासन करना शुरू किया. अंग्रेजी जमाने से जुड़ी हुई कई धरोहर आज भी मथुरा में जीवंत हैं. उन धरोहरों में यहां की प्रमुख चीज आज भी आपको देखने को मिलेंगीं.

यहाँ आज भी मौजूद है, अंग्रेजों का पुलिस स्टेशन
वरिष्ठ पत्रकार और इतिहास के छात्र रहे दिलीप यादव ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि 1857 की क्रांति के आज भी निशान गांव अडिंग में आपको देखने को मिलेंगे. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि जहां ब्रिटिश सरकार नुमाइंदे जहां भी जाते थे. वहां अच्छी जगह देखकर अपना पुलिस स्टेशन स्थापित कर लेते थे. अडिंग का रकबा करीब 52 हजार एकड़ में फैला हुआ है. यहां से उन्हें अच्छी लगान मिलती थी. उन्होंने यहां अपनी तहसील बनाई. यहां एक पुलिस स्टेशन भी स्थापित किया. पुलिस स्टेशन आज भी जर्जर अवस्था में मौजूद है. जो ब्रिटिश काल की होने की याद दिलाता है. उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस स्टेशन से तकरीबन 500 मीटर दूर एक किला बना हुआ है. अंग्रेजों के द्वारा बनवाया गया था. इसी किले में 70 ठाकुरों को फांसी दी गई थी. ठाकुरों ने यहां 1857 की क्रांति का बिगुल बजाया था. इसी बात से अंग्रेजी सरकार हिल गई थी. सरकार को इसे खतरा होने का भय था. 70 ठाकुरों को यहां फांसी की सजा दी गई थी.

इसी थाने में बंद किए जाते थे आंदोलनकारी
मथुरा में ब्रिटिश सरकार की आज भी आपको ऐसी बिल्डिंग में मिल जाएगी. अंग्रेजी शासन की याद दिलाते हैं. मथुरा से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर स्थित है गांव अडिंग, यहां अंग्रेजों जमाने का पुलिस स्टेशन आज भी बना हुआ है. 1857 की विद्रोह की ज्वाला उठने के बाद आंदोलनकरियों को इसी थाने में बंद किया करते थे. यह अंग्रेजी जमाने का पुलिस स्टेशन जिले का एकमात्र ऐसा स्टेशन था, जो यही सभी जगह के विद्रोही कर्ताओं को पकड़ कर बंद किया जाता था.

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मथुरा में ब्रिटिश सरकार की आज भी आपको ऐसी बिल्डिंग में मिल जाएगी. <br><br>

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